हाईकोर्ट ने देहरादून के एक जिम ट्रेनर की ओर से लापता पत्नी के संबंध में दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान जिम ट्रेनर की पत्नी अदालत में पेश हुई और उसने कहा कि वह अपने पति, 10 साल के बेटे और छह साल की बेटी को छोड़ गई और अब फरीदाबाद में अपने लिव-इन पार्टनर के साथ रह रही थी, जिससे उसकी मुलाकात इंटरनेट मीडिया पर हुई थी।
उसने अदालत से कहा कि उसके पति ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया, वह अब उसके साथ नहीं रहना चाहती। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने महिला को अपना जीवन अपने मन से जीने की अनुमति दी है।
याचिकाकर्ता के वकील अरुण कुमार शर्मा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा व्यभिचार को अपराध की श्रेणी से बाहर किए जाने के बावजूद वह इस फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती देंगे क्योंकि ऐसा फैसला विवाह संस्था के लिए खतरनाक होगा।
उन्होंने कहा कि जिम ट्रेनर की महिला के साथ फरवरी 2012 में शादी हुई थी। 37 वर्षीय महिला ने फरीदाबाद में एक व्यक्ति के साथ विवाहेतर संबंध विकसित किया और सात अगस्त, 2022 को अपने परिवार को छोड़ दिया। इसके बाद वह फरीदाबाद में रहने लगी, जहां उसके माता-पिता भी रहते हैं और लौटने से इंकार कर दिया।