मद्रास उच्च न्यायालय ने हाल ही में राज्य सरकार की नौकरियों में नियुक्ति के लिए तमिल भाषा में पढ़ने और लिखने की क्षमता को अनिवार्य कर दिया है। यह निर्णय राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में कर्मचारियों की दक्षता में सुधार और राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है।
इस आदेश के अनुसार, तमिल भाषा में प्रवीणता न रखने वाले उम्मीदवारों को अब राज्य सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने से पहले तमिल भाषा की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। यह कदम राज्य सरकार की सेवाओं में कार्यकुशलता बढ़ाने और स्थानीय संस्कृति को संरक्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
मद्रास उच्च न्यायालय का यह आदेश राज्य के विभिन्न हिस्सों में चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि इससे नौकरी के अवसरों की पहुंच और उम्मीदवारों की तैयारी पर प्रभाव पड़ेगा। भविष्य में, उम्मीदवारों को सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करते समय तमिल भाषा की दक्षता प्रमाणित करनी होगी, जिससे राज्य सरकार की कार्यप्रणाली में सुधार की उम्मीद है।