यूपी में सातवें चरण के लिए आज शाम छह बजे चुनाव खत्म हो जाएगा. उसके ठीक बाद समाचार चैनलों और न्यूज पोर्टल पर जोर-जोर से दावे शुरू हो जाएंगे. इसे हम चुनावी सर्वे (एग्जिट पोल) कहते हैं. चाहे लोकसभा या विधानसभा चुनाव हो जिस दिन सभी चरण खत्म हो जाते हैं एग्जिट पोल दिखाए जाते हैं. हालांकि पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की सही तस्वीर 10 मार्च यानी मतगणना के दिन ही आएगी. नतीजों से पहले आज तमाम एजेंसियां एग्जिट पोल जारी करेंगी. बता दें कि उत्तर प्रदेश में सातवें व आखिरी फेज की 54 सीटों पर आज वोटिंग हो रही है. शाम को मतदान समाप्त होते ही देश के पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव खत्म हो जाएंगे. यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में किसकी सरकार बनने जा रही है इसका सही जवाब तो 10 मार्च को मतगणना के बाद ही मिलेगा.
एग्जिट पोल को लेकर सियासी पार्टियों में हलचल शुरू हो गई है. ऐसे में कोई अपने विधायकों के लिए सुरक्षित ठिकाने तलाश रहा है तो कोई सहयोगी दलों की जुगत में है. एग्जिट पोल से चुनावी नतीजों की एक तस्वीर पता चलती है. हालांकि, कई बार एग्जिट पोल गलत भी साबित होते हैं. इसके लिए तमाम एग्जिट पोल एजेंसी भी इसी काम में लगी रहती हैं. लेकिन एग्जिट पोल के दुरुपयोग को रोकने के लिए चुनाव आयोग गाइडलाइन भी जारी करता है. इस बार भी पांच राज्यों के चुनावों के लिए चुनाव आयोग ने एग्जिट पोल की गाइडलाइंस जारी की थी. इसमें 10 फरवरी की सुबह 7 बजे से लेकर 7 मार्च की शाम 6:30 बजे तक एग्जिट पोल के नतीजे दिखाने पर रोक है. चुनाव आयोग की ये गाइडलाइंस न सिर्फ टीवी चैनल या मीडिया बल्कि आम लोगों पर भी लागू होती है.
साल 1996 में एग्जिट पोल दिखाने की हुई थी शुरुआत
2004 में एग्जिट पोल में कहा जा रहा था कि बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनेगी और एनडीए की सरकार बनेगी, लेकिन जब नतीजे आए तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन 200 का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाया और 189 पर सिमट गया. कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी और यूपीए की सरकार बनी और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने. 2004 के लोकसभा चुनाव अटल बिहारी वाजपेयी जी के लिए भी प्रतिष्ठा के सवाल बने थे. लेकिन उन्हें चुनाव नतीजों से बहुत निराशा हुई थी. लेकिन 2014 और 19 के लोकसभा चुनाव में एग्जिट पोल के पूर्व अनुमान बिल्कुल सही साबित हुए थे.
दोनों ही बार एग्जिट पोल में बीजेपी की जीत का अनुमान लगाया गया था और नतीजों में भी यही रहा. 2014 में बीजेपी ने 282 और 2019 में 303 सीटें जीतीं थी. बता दें कि देश में एग्जिट पोल की शुरुआत वैसे तो 1980 में हुई थी. लेकिन साल 1996 के लोकसभा चुनाव में पहली बार एग्जिट पोल की सक्रियता तेजी के साथ बढ़ गई थी. तब से लगातार देश में एग्जिट पोल चुनावों से जुड़ा हुआ है.
–शंभू नाथ गौतम