आपदा प्रभावित जोशीमठ की जनता की मानसून ने चिंताएं बढ़ा दी है। बता दे वर्षा के दौरान खतरे से आशंकित लोग रातजगा कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा अभी भी राहत कैंपों का संचालन किया जा रहा है। लेकिन इन शिविरों में वर्तमान समय में मात्र कुछ परिवार ही बचे हुए हैं। आपदा प्रभावितों को मुआवजे, पुर्नवास सहित अन्य मांगों को लेकर जोशीमठ तहसील में एक दिवसीय धरना देकर शासन व सरकार को चेताया कि अगर उन्हें जल्द ही न्याय न मिला तो दोबारा आंदोलन की राह पर चलेंगे।
वही जनवरी माह में आपदा के चलते जोशीमठ नगर में भारी तबाही हुई थी। तब विशेषज्ञों ने 868 घरों में दरारों के चलते चिन्हित किया गया । साथ ही 278 परिवारों को आपदा प्रभावित राहत शिविरों में भेजा गया । लेकिन आपदा प्रभावित शिविरों में रह रहे प्रभावितों का कहना है कि उन्हें शिविर में रखकर सरकार भूल गई है। लिहाजा कई परिवार शिविर छोड़ कर किराए के मकानों पर या फिर रिश्तेदारों, टूटे घरों पर वापस लौट गए हैं।
सरकार की उदासीनता पर आपदा प्रभावितों ने सोमवार को तहसील परिसर में एक दिवसीय धरना देकर विरोध दर्ज किया। प्रभावितों का कहना है कि सरकार ने किराया दिए जाने की बात भी कही थी लेकिन प्रभावितों को तीन माह से किराया भी नहीं मिला है। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने कहा कि तहसील में एक दिवसीय धरना देकर प्रशासन व सरकार को 11 सूत्रीय मांगों को लेकर कार्रवाई के लिए कहा गया है अगर जल्द ही सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आएंगे तो आपदा प्रभावित फिर से बाध्य होंगे।