कोरोना की बढ़ती भयावहता के बीच वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने राज्य के लिए अलग स्वास्थ्य मंत्री की पैरवी की है। उन्होंने कहा कि मेरी व्यक्तिगत राय है कि, मुख्यमंत्री के पास काफी ज्यादा विभाग के चलते व्यस्तता और काम ज्यादा है।
ऐसे में कोरोना काल में अलग स्वास्थ्य मंत्री हो। इस वक्त अधिकारियों से काम करवाना बड़ी चुनौती है। ऐसे में स्वास्थ्य जैसा विभाग अलग मंत्री देखें तो अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। सीएम सहयोग करें। हरक ने यह भी कहा कि, वह निजी तौर पर पूरे लॉकडाउन के पक्ष में हैं। तभी संक्रमण की रफ्तार रोकी जा सकती है। l
पहले से तैयारी होती तो इतने लोग न मरते
वन मंत्री ने यह भी कहा कि हमारी सरकार (त्रिवेंद्र कार्यकाल) ने पिछली लहर में कोई तैयारी नहीं की थी। अगर की होती तो ऐसी नौबत नहीं आती। आज हम जिस तेजी और तैयारी के साथ ऑक्सीजन-आईसीयू बेड की व्यवस्था में लगे हैं, यह पिछली लहर के वक्त ही शुरू हो जाता तो शायद इतने लोग ना मरते।
हरक ने आगे बताया कि, शुक्रवार को अपने सामने तीन लोगों को कोटद्वार अस्पताल में मरते देखा तो आंसू निकल आए। उस वक्त लगा कि हम कितने लाचार हो गए।
राज्य में स्थिति बिगड़ी तो सेना की मदद लेगी सरकार
देहरादून। राज्य में कोरोना की स्थिति और ज्यादा बिगड़ती है तो सरकार सेना की मदद ले सकती है। इसे लेकर वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से चर्चा की।
राज्यपाल ने इस मसले पर सीएम से जल्द वार्ता की बात कही है। हरक ने बताया कि राज्यभर में कोरोना के मामले बढ़ते जा
रहे हैं। सरकार हर तरह से कोशिश में जुटी है। लेकिन, हालात सामान्य नहीं हो रहे हैं। हरक ने बताया कि, हमारे पास गढ़वाल रायफल और कुमाऊं रेजीमेंट की यूनिटें हैं, जिनकी मदद कोरोना से निपटने में ले सकते हैं और स्वास्थ्य सुविधाओं में भी सेना की मदद ली जा सकती है।
बकौल हरक, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से सैन्य अस्पताल से मदद को लेकर सीएम की वार्ता हुई है। हरक ने अफसरों को भी इस मामले में संवेदनशीलता दिखाते हुए बेहतर प्रयास करने के निर्देश दिए हैं।