हर महीने की शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा तिथि कहते हैं। इस दिन को पूर्णमासी के नाम से भी जानते हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष की पू्र्णिमा तिथि को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इसे बत्तीसी पूर्णिमा या कोरला पूर्णिमा भी कहते हैं।
इस साल मार्गशीर्ष पूर्णिमा 30 दिसंबर (बुधवार) को पड़ रही है। इस दिन स्नान, दान और तप का विशेष महत्व होता है। कहते हैं कि इस दिन विधि-विधान से पूजा और व्रत करने को कष्टों से मुक्ति मिलती है और बिगड़े काम बन जाते हैं।
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, यह इस साल की आखिरी पूर्णिमा तिथि है। इस दिन भगवान दत्तात्रेय जयंती भी है। मान्यता है कि मार्गशीर्ष की पूर्णिमा तिथि पर अन्य पूर्णिमा तिथियों की तुलना में 32 गुना ज्यादा फल की प्राप्ति होती है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर तुलती की जड़ की रज से पवित्र नदी में स्नान करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कहते हैं कि इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा सुनना या पूजा करवाना बेहद शुभ होता है। पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान शिव और चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व है।