हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की. इस मिशन के तहत लोगों को एक डिजिटल हेल्थ कार्ड प्रदान किया जायेगा जिसमें एक क्लिक पर उनके हेल्थ के सारे रिकॉर्ड मिल जायेंगे.
आपको बता दें कि डिजिटल हेल्थ कार्ड एक ऐसा कार्ड है जिसमें सभी बीमारियों एवं इलाज का इतिहास डिजिटल रूप से मिल जाएगा. जिस तरह आधार कार्ड में पहचान से जुड़ी पूरी जानकारी होती है, उसी तरह डिजिटल हेल्थ कार्ड में भी स्वास्थ्य से संबंधित पूरी जानकारी रहेगी. यह एक यूनीक आईडी कार्ड की तरह होगा जिसमें बीमारी, इलाज और मेडिकल टेस्ट से जुड़ी सभी जानकारियां होंगी. इसमें 14 अंकों का एक नंबर मिलेगा और इसी नंबर से किसी भी मरीज की मेडिकल हिस्ट्री का पता चल सकेगा. इससे गरीब और मध्य वर्गीय परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी।. साथ ही अस्पताल में पर्ची बनाने से लेकर जांच रिपोर्ट इत्यादि को लेकर हमेशा घूमने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
आइए जानते हैं इसके क्या-क्या फायदे है.
डिजिटल कार्ड का सबसे बड़ा फायदा यह है कि किसी भी व्यक्ति को डॉक्टर के पास पुराने पर्चे और टेस्ट की रिपोर्ट को साथ में लेकर जाने की जरूरत नहीं होगी. इसके अलावा यदि किसी के पास पुराने टेस्ट की रिपोर्ट नहीं है तो भी टेस्ट करवाने की जरूरत नहीं होगी. साथ ही देश के किसी भी कोने में इलाज कराने पर भी यूनीक आईडी नंबर से डॉक्टर पिछली स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के बारे में जान सकेगा.
कैसे बनेगा डिजिटल हेल्थ कार्ड?
डिजिटल हेल्थ कार्ड को मोबाइल नंबर या आधार कार्ड के जरिये ऑनलाइन बना सकते हैं. इसके लिए अपने मोबाइल के ब्राउजर में ndhm.gov.in की वेबसाइट पर जाए. इस वेबसाइट पर “हेल्थ आईडी” नाम से शीर्षक पर क्लिक करके आप कार्ड की शर्तें पढ़ सकते हैं.
- वेबसाइट पर जाने के बाद ‘क्रिएट हेल्थ आईडी’ विकल्प पर क्लिक करें.
- कार्ड बनाने के लिए आधार या मोबाइल नंबर में से किसी एक विकल्प को चुनें.
- आधार नंबर या फोन नंबर डालने पर एक ओटीपी मिलेगा.
- ओटीपी भरकर आपको इसे वेरिफाई करना होगा.
- अब आपके सामने एक फॉर्म खुलेगा जिसमें आपको अपने प्रोफाइल के लिए एक फोटो, जन्म तिथि और पता समेत कुछ और जानकारियां देनी होंगी.
- सभी जानकारियां देने के बाद आपका डिजिटल हेल्थ कार्ड बनकर तैयार हो जाएगा जिसे आप डाउनलोड कर सकेंगे.