हरिद्वार में कुंभ को लेकर केंद्र सरकार द्वारा तय की गईं कड़ी शर्तों के चलते मेले के भव्य और दिव्य आयोजन पर संशय गहरा गया है। केंद्र के फरमान और अब स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों से राज्य सरकार सांसत में पड़ गई है। केंद्र सरकार की ओर से एसओपी जारी करने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुंभ को लेकर उत्तराखंड को एक और पत्र भेजा। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की ओर से जारी इस पत्र में एसओपी के अलावा और भी कई कड़े दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
इससे सरकार की मुश्किल बढ़ गई हैं। राज्य सरकार एक तरफ हरिद्वार में भव्य-दिव्य कुंभ के आयोजन की तैयारी कर रहा है। इसके लिए काफी तैयारियां हो भी चुकी हैं। लेकिन अब केंद्र ने जो दिशा निर्देश दिए हैं, उनसे आयोजन को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। पत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि एक स्थान पर लंबे समय के लिए बड़ी संख्या में लोगों के एकत्र होने से फिजिकल डिस्टेंस, मास्क के मानकों के पालन में दिक्कत आना तय है।
मंत्रालय ने एक जगह पर एक साथ इतनी बड़ी भीड़ एकत्र होने से महामारी फैलने की भी आशंका जताई है। साथ ही कोरोना को देखते हुए घाटों की क्षमता को ध्यान में रखते हुए हर दिन के लिए भीड़ की अधिकतम सीमा तय करने को कहा गया है। मंत्रालय ने बंद जगहों टैंट, हॉल, अस्थाई आवास आदि जगहों पर बड़ी संख्या में लोगों के ठहरने पर भी महामारी का खतरा जताया है।
पत्र में यह भी कहा गया है कि मेले में अधिक उम्र के लोगों के आने की संभावना है जो कोरोना संक्रमण के लिहाज से अत्यधिक संवेदनशील हैं। केन्द्र ने राज्य सरकार को मेला अवधि को और कम करने की सलाह दी है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के 18 दिसंबर, 2020 के आदेशों का पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है।
आसान न होगा निर्देशों का पालन कराना
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुंभ के लिए तय की गाइडलाइनों के तहत स्नान के लिए आने वाले लोगों को 72 घंटे पूर्व की नेगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट लाना अनिवार्य किया है। साथ ही राज्य को रजिस्ट्रेशन व बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, बीमार व्यक्तियों और बच्चों को कुंभ में आने से रोकने को तैयारी सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं।
केंद्र के इन आदेशों का पूरी तरह पालन कराना राज्य सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगा। दरअसल, कुंभ मेले में गहरी आस्था के चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आना तय है।
ऐसे में यदि एकाएक भारी भीड़ उमड़ी तो सभी की कोरोना रिपोर्ट जांचना आसान न होगा। साथ ही इस दौरान भीड़ को नियंत्रित करना भी खासा मुश्किल साबित हो सकता है। केंद्र सरकार कोरोना संक्रमण के नजरिए से बहुत ज्यादा चिंतित है। यदि कुंभ में कोरोना संक्रमण फैला तो इसका असर पूरे देश पर पड़ना तय है लिहाजा केंद्र ने यह सख्ती की है। माना जाता है कि कुंभ के प्रमुख स्नान तिथियों पर 50 लाख से ज्यादा श्रद्धालु आते रहे हैं।
कौशिक ने दोहराया, बेदाग और दिव्य होगा कुंभ
सरकारी प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि सरकार संतों के आशीर्वाद, माननीय हाईकोर्ट के दिशानिर्देश व केंद्र सरकार की एसओपी के अनुसार, कुंभ की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत बीते रोज कह चुके हैं कि कुंभ का आयोजन बेदाग और दिव्य होगा। उन्होंने बीते रोज यह भी कहा है कि कुछ लोग विशेष एजेंडे के तहत कुंभ में आकर शासन-प्रशासन को बदनाम करने की कोशिश करेंगे।
कुंभ मेले की खामियां निकालने की कोशिश भी की जाएगी। बहरहाल, सरकार अपना काम पूरी निष्ठा और तत्परता से कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के कुंभ के आयोजन और उपेक्षा पर चिंता जताने के सवाल पर कौशिक ने कहा कि उनके बारे में किसी को कुछ बताने की जरूरत ही नहीं है। जनता सब जानती है।
उत्तराखंड ने कुंभ क्षेत्र के व्यापारियों के लिए भी मांगी वैक्सीन
राज्य सरकार ने कुंभ मेले में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र से दो लाख अतिरिक्त वैक्सीन मांगेगी। इससे कुंभ क्षेत्र के व्यापारियों को भी वैक्सीन लगाने का प्रस्ताव है। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि कुंभ मेले को कोरोना संक्रमण मुक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट आना अनिवार्य किया है, लेकिन मेले के दौरान तैनात कर्मचारियों व स्थानीय व्यापारियों को भी संक्रमण से बचाने के लिए प्लान तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने दो लाख अतिरिक्त कोरोना वैक्सीन मांगी गई है ताकि कुंभ कार्यों के लिए तैनात सभी कर्मचारियों, पुलिस कर्मियों के साथ साथ व्यापारियों का भी टीकाकरण किया जा सके। विदित है कि कुंभ मेले में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों के लिए केंद्र सरकार पहले ही कोरोना वैक्सीन भेज चुका है। पहले चरण में भेजी गई एक लाख 13 हजार और दूसरे चरण में भेजी गई 92500 वैक्सीन के तहत कुंभ के शत प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लगाई जानी है।
इसके बाद अब सरकार ने अन्य सभी कर्मचारियों एवं व्यापारियों के लिए भी वैक्सीन मांगी ली है। राज्य सरकार हरिद्वार में दिव्य व भव्य कुंभ आयोजित करने पर फोकस कर रही है। इसके लिए जरूरी है कि कुंभ मेले में संक्रमण की आशंकाओं को खत्म किया जाए।
सभी राज्यों को भेजेंगे पत्र
मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने बताया कि केंद्र ने हरिद्वार कुंभ में स्नान के लिए 72 घंटे पूर्व की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट को अनिवार्य किया है। इसके साथ ही कुंभ क्षेत्र में मास्क न पहनने पर जुर्माना सख्ती से लागू करने और बुजुर्ग, बीमार, गर्भवती व बच्चों को न लाने की सलाह दी है। इस बाबत सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को भी पत्र भेजे जाएंगे, ताकि व अपने राज्यों में लोगों को जागरूक कर सकें।