मध्य प्रदेश में एक चौंकाने वाले वित्तीय घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसमें प्राकृतिक आपदाओं और दुर्घटनाओं से प्रभावित परिवारों के लिए आवंटित ₹23.81 करोड़ की राहत राशि सरकारी कर्मचारियों, उनके रिश्तेदारों और अन्य अयोग्य व्यक्तियों के खातों में अवैध रूप से ट्रांसफर की गई। यह खुलासा नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की एक रिपोर्ट से हुआ है, जिसे हाल ही में विधानसभा में प्रस्तुत किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, यह राशि राज्य के 13 जिलों—सिवनी, श्योपुर, सीहोर, शिवपुरी, देवास, छतरपुर, खंडवा, मंदसौर, रायसेन, दमोह, सतना, आगर-मालवा और विदिशा में वितरित की गई थी। इन जिलों में से सिवनी में सबसे अधिक ₹11.79 करोड़ की राशि 59 खातों में, जबकि श्योपुर में ₹3.36 करोड़ की राशि अवैध रूप से ट्रांसफर की गई। अधिकांश राशि अयोग्य व्यक्तियों के खातों में गई, जबकि ₹2.67 करोड़ सरकारी कर्मचारियों और उनके रिश्तेदारों को दिए गए।
सिवनी जिले में, एक सरकारी कर्मचारी ने काल्पनिक मौतों के आधार पर ₹11.2 करोड़ की राशि हड़पी थी। उसने 279 फर्जी मौतों की फाइलें बनाई थीं और प्रत्येक के लिए ₹4 लाख की राहत राशि अपने रिश्तेदारों के 40 खातों में ट्रांसफर की थी।