मध्य प्रदेश सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से लागू अपनी नई आबकारी नीति के तहत राज्य के 19 धार्मिक स्थानों पर शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। इन स्थानों में उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मण्डलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, पन्ना, मण्डला, मुलताई, मंदसौर, अमरकंटक, सलकनपुर, बरमान कला, लिंगा, बरमान खुर्द, कुंडलपुर और बांदकपुर शामिल हैं।
इस नीति के तहत, इन क्षेत्रों में शराब की दुकानों और बार के संचालन की अनुमति नहीं होगी, और वर्तमान में संचालित दुकानों को बंद कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में लिए गए इस फैसले का उद्देश्य धार्मिक स्थलों की पवित्रता को बनाए रखना और समाज में नशामुक्ति को बढ़ावा देना है।
राज्य सरकार ने इस कदम से होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए अन्य क्षेत्रों में शराब की कीमतों में वृद्धि करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, नई नीति के तहत शराब बिक्री के समय में भी संशोधन किया गया है; दुकानों पर शराब बिक्री का समय सुबह 9:30 बजे से रात 11:30 बजे तक रहेगा। रेस्तरां, होटल, बार और क्लब में शराब की बिक्री सुबह 10 बजे से रात 11:30 बजे तक होगी, जबकि बार, रेस्तरां और क्लब में बैठकर शराब पीने की अनुमति रात 12 बजे तक होगी।
यह कदम मध्य प्रदेश में शराबबंदी की दिशा में महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है, जो राज्य की सामाजिक और सांस्कृतिक संरचना को प्रभावित करेगा।