12 घंटे की मैराथन बहस के बाद लोकसभा ने वक्फ विधेयक को दी मंजूरी, राजनीतिक गतिरोध जारी

​लोकसभा ने बुधवार, 2 अप्रैल 2025 को, 12 घंटे की मैराथन बहस के बाद विवादास्पद वक्फ (संशोधन) विधेयक पारित किया। विधेयक के पक्ष में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े। ​केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक का बचाव करते हुए कहा कि इसमें गैर-मुस्लिम सदस्यों को वक्फ बोर्ड में शामिल करने का प्रावधान केवल प्रशासनिक उद्देश्यों के लिए है और यह मुस्लिम समुदाय के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता। उन्होंने विपक्ष पर वोट बैंक की राजनीति के लिए “डर का माहौल” बनाने का आरोप लगाया।

विपक्षी दलों, विशेष रूप से कांग्रेस और समाजवादी पार्टी, ने विधेयक को “असंवैधानिक” बताते हुए इसका विरोध किया। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने इसे संविधान की मूल संरचना पर हमला करार दिया, जबकि समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि यह विधेयक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देगा और भारत की धर्मनिरपेक्ष छवि को नुकसान पहुंचाएगा। ​

विधेयक में वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने, विवादित संपत्तियों के स्वामित्व का निर्णय जिला कलेक्टर को देने, और “उपयोग द्वारा वक्फ” की अवधारणा को हटाने जैसे प्रावधान शामिल हैं। आलोचकों का मानना है कि ये परिवर्तन मुस्लिम संपत्तियों के अधिकारों को कमजोर कर सकते हैं और धार्मिक स्थलों की जब्ती का खतरा बढ़ा सकते हैं। ​अब यह विधेयक राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जहां इस पर आगे की बहस और मतदान होगा।

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