भारतीय आईटी क्षेत्र हाल के दिनों में गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसमें प्रमुख आईटी कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट देखी गई है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और इन्फोसिस जैसी कंपनियों के शेयरों में लगभग 23% तक की गिरावट आई है, जिससे निवेशकों की संपत्ति में भारी कमी आई है। इस गिरावट के कारण Nifty IT इंडेक्स भी तेजी से गिरावट में है।
इस गिरावट के पीछे अमेरिकी मंदी की आशंका, जनरेटिव एआई (GenAI) से संबंधित प्रतिस्पर्धा, और उच्च मूल्यांकन जैसे कारक जिम्मेदार हैं। जेपी मॉर्गन के मुख्य अर्थशास्त्री ने इस वर्ष अमेरिकी मंदी की संभावना 40% जताई है, जिससे निवेशकों में असमंजस बढ़ा है।
इसके अतिरिक्त, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा 2025 में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की निकासी और अमेरिकी व्यापार नीतियों को लेकर अनिश्चितता ने बाजार की धारणा को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। इस दौरान, निवेशकों ने गुणवत्ता वाली कंपनियों और रक्षात्मक क्षेत्रों में निवेश करने की सलाह दी है, क्योंकि बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहने की संभावना है।
कुल मिलाकर, भारतीय आईटी क्षेत्र वर्तमान में कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, और निवेशकों को सतर्क रहते हुए अपने निवेश निर्णय लेने चाहिए।