लिवर की बीमारियां दुनिया भर में तेजी से बढ़ती जा रही हैं, और यह समस्या अब युवा उम्र के लोगों में भी देखी जा रही है। फैटी लिवर, लिवर डैमेज और लिवर फेलियर जैसी स्थितियाँ लाइफस्टाइल और आहार की गड़बड़ी से उत्पन्न हो सकती हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ दवाएं भी लिवर के लिए हानिकारक हो सकती हैं? स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, ड्रग इंड्यूस्ड लिवर इंजरी के नाम से जानी जाने वाली यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब दवाओं का अत्यधिक सेवन लिवर को नुकसान पहुंचाता है।
शोध से पता चला है कि कई एलोपैथिक दवाएं, जैसे कि टीबी के इलाज में उपयोग होने वाली दवाएं, लिवर को क्षति पहुंचा सकती हैं, जिसे एंटी ट्यूबरकुलर ड्रग ट्रीटमेंट इंड्यूस्ड हेपेटाइटिस कहा जाता है। लिवर की समस्याओं से उत्पन्न होने वाली जटिलताओं में पीलिया, खून का पतला होना (कोगुलोपैथी) और बेहोशी जैसी गंभीर समस्याएं शामिल हो सकती हैं, जो लिवर की कार्यक्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं।