कथक और कथकली को एक साथ जोड़ डांस की नई फॉर्म बनाने वाले मशहूर नर्तक अस्ताद देबू का निधन हो गया है. अस्ताद देबू के परिवार की ओर से जानकारी दी गई है कि गुरुवार सुबह ही उनका निधन मुंबई में हुआ. अस्ताद देबू की उम्र 73 साल थी. परिवार के मुताबिक, अस्ताद देबू कुछ वक्त से बीमार थे जिसके बाद 10 दिसंबर की सुबह उनका निधन हो गया.
परिवार ने अपने एक संदेश में कहा है कि अपनी कई शानदार परफॉर्मेंस के दम पर अस्ताद देबू ने लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाई, आज वो अपने पीछे बड़ी विरासत छोड़कर गए हैं.
गौरतलब है कि अस्ताद देबू की गिनती उन नर्तकों में होती है, जिन्होंने आधुनिक और पुराने जमाने के भारतीय नृत्य को एक किया और युवा पीढ़ी के सामने पेश किया. वह हिन्दुस्तानी डांस को ही आगे बढ़ाते थे, लेकिन एक बार उन्होंने कहा था कि अधिकतर भारतीय ही उनके इस नृत्य को पश्चिमी सभ्यता से प्रभावित मानते हैं.
गुजरात के नवसारी में 13 जुलाई, 1947 को जन्मे अस्ताद देबू ने अपने गुरु प्रह्लाद दास से कथक की शिक्षा ली थी. उसके अलावा उन्होंने गुरु ई.के. पनिक्कर से कथकली की शिक्षा ली. डांस की दुनिया में करीब पांच दशक तक राज करने वाले अस्ताद देबू ने दुनिया के 70 देशों में परफॉर्म किया था.
सिर्फ डांस ही नहीं बल्कि समाजसेवा के क्षेत्र में भी उन्होंने लगातार काम किया. भारत और विदेश में अस्ताद देबू ने सुन ना पाने वाले बच्चों की सेवा की. साल 2002 में अस्ताद देबू डांस फाउंडेशन के जरिए उन्होंने दिव्यांगों को मदद पहुंचानी शुरू की.
अस्ताद देबू ने बॉलीवुड डायरेक्टर मणिरत्नम, विशाल भारद्वाज जैसे दिग्गजों के साथ काम किया. अस्ताद देबू को 1995 में संगीत नाटक अकादमी दिया गया, इसके अलावा 2007 में उन्हें पद्म श्री से नवाजा गया.