स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर ‘गद्दार’ टिप्पणी को लेकर दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया है। कामरा की याचिका में दावा किया गया है कि यह एफआईआर उनके संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19) और जीवन के अधिकार (अनुच्छेद 21) का उल्लंघन करती है।
यह मामला मार्च 2025 में एक स्टैंड-अप शो के दौरान कामरा द्वारा किए गए एक व्यंग्य गीत से संबंधित है, जिसमें उन्होंने शिंदे की 2022 में शिवसेना से अलग होकर नई सरकार बनाने की घटना पर कटाक्ष किया था। इस प्रदर्शन के बाद, शिंदे समर्थकों ने मुंबई के ‘हैबिटेट’ कॉमेडी क्लब में तोड़फोड़ की, जहां यह शो हुआ था।शिवसेना विधायक मुरजी पटेल की शिकायत पर मुंबई पुलिस ने कामरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
कामरा ने तीन बार पुलिस के समन के बावजूद उपस्थित नहीं होने के बाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
कामरा की याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि उनके व्यंग्यात्मक बयान संविधान द्वारा प्रदत्त स्वतंत्रताओं के दायरे में आते हैं और उन्हें आपराधिक मुकदमे का सामना नहीं करना चाहिए। मामले की सुनवाई 21 अप्रैल को होने की संभावना है। यह मामला भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राजनीतिक व्यंग्य की सीमाओं पर एक महत्वपूर्ण बहस को उजागर करता है।