उत्‍तराखंड

शिवभक्ति से सराबोर कुंभनगरी, हरकी पैड़ी पर खचाखच भीड़; कांवड़ यात्रा की अद्भुत तस्वीरें…

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यूं तो हरिद्वार की पौराणिक पहचान अमृत मंथन से जुड़ी है। मान्यता है कि अमृत की बूंदे उसी स्थान पर गिरी थी, जहां हरकी पैड़ी है। इसलिए ये स्थान पवित्र है और कुंभ और अर्द्धकुंभ भी इसी कारण लगता है। लेकिन साल भर में धर्मनगरी के कई रूप बदलते हैं।

फिलहाल धर्मनगरी पर भगवान भोलेनाथ की भक्ति का रंग चढ़ा हुआ है। हरकी पैड़ी के गंगा घाट भगवा चादर ओढ़े हुए हैं। खराब मौसम के बीच कई राज्यों से उमड़-घुमड़कर पहुंचे कांवड़ यात्रियों पर भगवान भोलेनाथ की भक्ति सिर चढ़कर बोल रही है। हर तरफ भोले भक्त नजर आ रहे हैं, बोल बम, बम-बम के जयकारों व डाक कांवड़ के डीजे पर शिवभजनों की गूंज के सिवाय कुछ सुनाई नहीं पड़ रहा है।

फिलहाल हरिद्वार में तमाम गंगा घाटों से लेकर हाइवे और शहर की कॉलोनियों तक में कांवड़ यात्री ही कांवड़ यात्री नजर आ रहे हैं। हरिद्वार और कनखल की कॉलोनियों में जगह-जगह कांवड़ यात्री शिवभजनों पर मदमस्त होकर झूम रहे हैं। हाईवे पर डाक कांवड़ का सैलाब गंगा जल लेकर मंजिल की तरफ बढ़ रहा है। कुल मिलाकर कुंभनगरी फिलहाल शिवभक्ति से सराबोर है।

हरिद्वार में डाक कांवड़ यात्रियों का सैलाब उमड़ा हुआ है। 12 घंटे के भीतर पुलिस ने करीब 55 हजार डाक वाहन हरिद्वार से रवाना किए हैं। जबकि अभी तक आठ लाख से ज्यादा बाइकर्स कांवड़ यात्री गंगाजल लेकर अपने गंतव्य को लौट चुके हैं। मौसम खुलने के चलते शुक्रवार को भी हरिद्वार में डाक कांवड़ पहुंचने का सिलसिला जारी है। मेले में आज शाम तक कुल कावड़ यात्रियों का आंकड़ा चार करोड़ पार करने का अनुमान है।

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