कुंभ 2021 नजदीक है और सरकार कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती इसी बीच कुम्भ मेले से पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गंगा में जल की शुद्धता की जाँच की. मकर संक्रांति स्नान के बाद ऋषिकेश से लेकर हरिद्वार तक गंगाजल के नमूने लिए गए थे। इन्हें कई मानकों पर परखा गया। रिपोर्ट में सामने आया कि स्नान के बाद गंगाजल में प्रदूषण जरूर बढ़ा, मगर यह नहाने के लिए तय मानकों से काफी कम है। यानी स्नान के लिए गंगाजल स्वच्छ है।
हरिद्वार कुंभ में स्नान के आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है। गंगाजल स्नान के लिए स्वच्छ है। ऋषिकेश से हरिद्वार तक गंगाजल स्नान के लिए मानक के अनुरूप है। कुंभ मेले से पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) की ओर से की गई जांच में यह तथ्य सामने आया है। पीसीबी ने इस बारे में रिपोर्ट जारी की। हरिद्वार कुंभ से पहले एनजीटी ने गंगाजल की नियमित निगरानी के निर्देश दिए हैं।
हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा में पिछले साल सितंबर-अक्तूबर में काफी प्रदूषण था। इसमें पीएच 8.31 तक पहुंच गया था। जबकि, टोटल कालीफार्म 140 तक पहुंच गया था। डीओ नौ तक आ गया था, जो तय मानक के अनुसार प्रदूषण की श्रेणी में आता है। लॉकडाउन के बाद अचानक सब कुछ खुलने को इसकी वजह माना गया था, लेकिन बाद में एनजीटी और पीसीबी की सख्ती एवं आम लोगों की कम आवाजाही के चलते प्रदूषण घटा है।
इसके चलते पीसीबी ने मकर संक्रांति के बाद गंगा जल की कई मानकों पर दस जगह पर शुद्धता जांची। रिपोर्ट में सामने आया कि स्नान के बाद गंगाजल में प्रदूषण जरूर बढ़ा, मगर यह नहाने के लिए तय मानकों से काफी कम है। यानी स्नान के लिए गंगाजल स्वच्छ है।
चार मुख्य बिंदुओं पर रिपोर्ट
स्थान पीएच डीओ बीओडी टीसी
ऋषिकेश 7.3 10.8 1.5 80
हरिद्वार 8.0 10.09 1.1 50
जगजीतपुर 8.2 10.0 2.6 90
(नोट: पीसीबी से जारी रिपोर्ट के अनुसार)
शुद्धता के मानक
पीएच: 6.5 से 8.5 तक
डीओ (एमएल/ली): पांच या इससे ऊपर
बीओडी (एमएल/ली): तीन या इससे नीचे
टीसी (एमपीएन/100): 500 या उससे कम