11 मार्च को होने वाले कुंभ के पहले शाही स्नान के दिन हरिद्वार में 10 लाख श्रद्धालुओं को रात रुकने की व्यवस्था होगी। होटल, आश्रम, धर्मशालाएं और लॉज को चिह्नित कर लिया गया है। इससे ज्यादा श्रद्धालुओं के रुकने की व्यवस्था शहर में नहीं है। ऐसी स्थिति में 10 लाख से अधिक लोगों को रात में रुकने नहीं दिया जाएगा। हालांकि एक दिन में हरिद्वार से 80 लाख से 1 करोड़ श्रद्धालु आसानी से आ सकते हैं।
कुंभ का पहला शाही स्नान 11 मार्च महाशिवरात्रि के दिन होना है। इससे पहले 27 फरवरी को माघ पूर्णिमा का स्नान होना है। अभी तक स्नान को लेकर कोई भी गाइडलाइन तैयार नहीं की गई है, लेकिन पहले शाही स्नान की तैयारियां मेला पुलिस ने शुरू कर दी है। इस स्नान में 25 से 50 लाख श्रद्धालु आने का अनुमान लगाया जा रहा है। पिछले महाकुंभ में 50 लाख श्रद्धालु इस दिन पहुंचे थे। लिहाजा कोविड-19 को देखते हुए ही इस बार इस स्नान की तैयारी की जा रही है।
शहर में रात रुकने के लिए 10 लाख की ही व्यवस्था है। इसके अलावा कोई अस्थाई व्यवस्था नहीं की गई है। यह व्यवस्था होटल, आश्रम, धर्मशालाएं, लॉज में है। करीब 400 धर्मशालाएं, इससे अधिक आश्रम, 900 होटल और कई लॉज हैं, जिनकी लिस्ट के आधार पर पुलिस ने यह आकड़ा तैयार किया है कि एक रात में 10 लाख श्रद्धालु हरिद्वार में रुक सकते हैं। इसके अधिक श्रद्धालु रात में नहीं रुक सकते हैं। इसी प्लान के मुताबिक स्नान की तैयारियां की जा रही है।
भीड़ का पता ऐसे चलेगा
हरिद्वार में आने वाली भीड़ का पता आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर से चलेगा कि कितनी भीड़ शहर में जुट चुकी है। सॉफ्टवेयर में 10 लाख श्रद्धालुओं की संख्या को फिक्स किया जाएगा। इससे अधिक होने पर सॉफ्टवेयर में लाल लाइट जल जाएगी। जिससे अनुमान लग जाएगा कि शहर में कितनी भीड़ है। वहीं घाटों में आने वाली भीड़ का पता भी इसी से चलेगा।
करना होगा गाइडलाइन का पालन
होटल, धर्मशाला, आश्रम में रुकने वाले श्रद्धालुओं को कोविड-19 के नियमों का पालन करना होगा। जारी होने वाली गाइड लाइन के मुताबिक ही संचालकों को कमरे देने होंगे।
25 से 50 लाख का अनुमान
राज्य सरकार की ओर से जारी कोरोना की गाइडलाइन कुंभ मेले नोटिफिकेशन के साथ ही शुरू होगी। लेकिन 11 मार्च के लिए अभी कोई नोटिफिकेशन नहीं है। मेला पुलिस का अनुमान है कि इस स्नान के दिन 25 से 50 लाख श्रद्धालु हरिद्वार पहुंच सकते हैं।
एक दिन में 10 लाख श्रद्धालुओं के रुकने की व्यवस्था हरिद्वार में है। कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करने के बाद ही श्रद्धालुओं को कमरा देना होगा। होटल, आश्रम, धर्मशाला संचालकों को इस बाबत जानकारी दी जा रही है।