जानिये कहा है ऐसा शिवालय जहां लगातार आकार बदल रहे महादेव, केवल दर्शनमात्र से ही दूर होते हैं कष्‍ट

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महाशिवरात्रि के पर्व में देवभूमि उत्‍तराखंड के सभी मंदिर और शिवालय सज चुके हैं। इस पावन मौके पर आपको ऐसे दो शिव मंदिरों में बारे में बताते है। जहां भक्‍तों की अटूट आस्‍था है और मान्‍यता है कि यहां आने से भक्‍तों के कष्‍ट दूर होते हैं।

हालांकि देवभूमि उत्तराखंड अनेक मंदिरों, तीर्थस्थलों, ऋषि-मुनियों की तपोभूमि के रूप में अपनी विशेष पहचान रखता है।

देहरादून जिले में चकराता छावनी बाजार में ब्रिटिशकाल में बसे श्री चिंताहरण महादेव मंदिर में दर्शन मात्र से ही श्रद्धालुओं की चिंता दूर हो जाती है। इसी मान्यता के चलते क्षेत्रवासियों में श्री चिंताहरण महादेव के प्रति अटूट आस्था व विश्वास है।
मंदिर के चारों ओर मनमोहक बांझ, बुरांस, चीड़ और देवदार के पेड़ हैं। मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग है, जो आकार में अन्य शिवलिंग से काफी बड़ा है। मंदिर के पास जलकुंड भी स्थित है।

इस कारण इसे बावड़ी मंदिर भी कहा जाता है। मंदिर के बाबा सिद्धेश्वर गिरी महाराज बताते हैं कि मंदिर में विराजमान शिवलिंग स्वयंभू है, जब शिवलिंग प्रकट हुआ, तब यह आकार में इतना बड़ा नहीं था।

हालांकि उन्होंने दावा किया कि अब महादेव धीरे-धीरे अपना आकार बदल रहे हैं। साथ ही कहा कि मंदिर का नाम चिंता हरण महादेव इसलिए भी पड़ा, जो लोग काफी परेशानियों में थे, वे यहां आए, उनको मन की शांति मिली और हर चिंता का निवारण मिला। ऐसी मान्यता है कि मंदिर में सच्चे दिल से जो कोई प्रार्थना करता है, महादेव उसकी चिंता दूर करते हैं।

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