प्रत्येक वर्ष मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है. कहते हैं कि मदर्स डे की शुरुआत 1908 में अमेरिका से हुई थी. अमेरिका के वर्जीनिया में रहने वाली एना जार्विस ने अपनी मां के प्रेम और समर्पण को देखते हुए इस दिन की शुरुआत की थी. ऐसे में इस लेख के माध्यम से आइए जानते हैं इस बार मातृ दिवस कब है और क्या है मातृ दिवस का इतिहास.
मातृ दिवस का इतिहास
मां को सम्मान देने वाले इस दिन की शुरुआत अमेरिका से हुई. अमेरिका की एक्टिविस्ट एना जार्विस अपनी मां से बेहद प्यार करती थी. यही कारण था कि उन्होंने बिना शादी किए पूरी जिंदगी मां के साथ गुजार दी. उन्होंने मां के प्रेम और समर्पण को देखते हुए इस दिन की शुरुआत की थी. कहा जाता है कि एना की मां ने उन्हें बड़ी जतन से पाला पोसा था. हालांकि हर मां अपने बच्चे को बेहद प्यार करती है, लेकिन एना अपनी मां के समर्पण भाव से काफी प्रभावित हुई और वह मां को ही अपना सबकुछ मान बैठी थी.
कुछ समय बाद एना की मां का निधन हो गया और उसी समय अमेरिका में गृहयुद्ध प्रारंभ हो गया. एना ने गृह युद्ध के दौरान घायल सैनिकों की देखभाल मां की तरह की. इससे प्रभावित होकर 9 मई 1914 को अमेरिका के राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने एक लॉ पास किया, जिसमें लिखा था कि मई महीने के दूसरे रविवार को पूरे देश में मदर्स डे मनाया जाएगा.
मातृ दिवस 2023 कब है
प्रत्येत वर्ष मई महीने के दूसरे रविवार को मातृ दिवस मनाया जाता है. इस बार मदर्स डे 14 मई को मनाया जाएगा. बता दें मां को सम्मान देने वाले इस दिन को दुनियाभर के देशों में अलग अलग तारीख को सेलिब्रेट किया जाता है, लेकिन भारत समेत कई देशों में मई के दूसरे रविवार को मातृ दिवस मनाया जाता है.