पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और नामचीन क्रिकेटर वसीम अकरम ने अपनी आत्मकथा “सुल्तान: ए मेमॉयर” में पहली बार अपने निजी जीवन में पैदा हुई कई मुश्किलों को सबके सामने रखा है। इनमें मैच फ़िक्सिंग के आरोप भी शामिल हैं जिन पर बात आगे करेंगे।
बता दे कि पहले ज़िक्र वसीम अकरम के जीवन के उस दौर पर जब उन्हें ये तय करने में मुश्किलें आ रही थीं कि क्रिकेट के बाद अब जीवन में आगे क्या है। वसीम अकरम अपनी आत्मकथा में लिखते हैं, “मुझे पार्टी करना पसंद था। दक्षिण एशिया में जब आप लोकप्रिय हो जाते हैं तो शोहरत आपको बिगाड़ सकती है, आपको निगल सकती है। आप रात को 10 पार्टियों में जा सकते हैं और इस सबने मेरा नुक़सान किया।”
उन्होंने खुल कर लिखा है कि कैसे वे कोकीन के नशे में डूबते चले गए और अपनी पत्नी से झूठ बोलने लगे थे। “मेरी दिवंगत पत्नी हुमा कराची शिफ़्ट करना चाहती थी ताकि वो अपने माँ-बाप के क़रीब रह सके जबकि मैं ये नहीं होने दे रहा था क्योंकि मुझे वहाँ अकेले जाकर पार्टी करना अच्छा लगता था, इस बिनाह पर कि मैं तो काम के सिलसिले में जा रहा हूँ”
वसीम अकरम ने ये भी बताया है कि उनकी पत्नी हुमा ने उनके बटुए में कोकीन पाउडर देख लिया और कहा, “मुझे पता है तुम ड्रग्स ले रहे हो. तुम्हें मदद की ज़रूरत है। “
पाकिस्तान के जियो न्यूज़ और जंग न्यूज़ ग्रुप समूह के वरिष्ठ स्पोर्ट्स एडिटर और क्रिकेट समीक्षक अब्दुल माजिद भट्टी और वसीम अकरम की जान-पहचान तब से है जब वसीम ने कराची से पाकिस्तान के लिए क्रिकेट खेलना शुरू किया था।
उन्होंने वसीम के इस ड्रग्स वाले दौर को याद करते हुए बताया, “ये वो दौर था जब वसीम अकरम डायबिटीज़ के मरीज़ हो गए थे और अपने ऊपर पहले लग चुके स्पॉट-फ़िक्सिंग और मैच-फ़िक्सिंग के आरोपों से बहुत स्ट्रेस में थे। उन दिनों मोबाइल फ़ोन आया ही था। वसीम की हालत ऐसी रहती थी कि अक़्सर हुमा ही फ़ोन उठाती भी थीं और हमें कॉल बैक भी करती थीं। “
वसीम ने खुद अपनी क़िताब में लिखा है, “मैं ड्रग्स वाले दिनों में न सो पाता था, न खा पाता था। जब मैंने लाहौर के एक रिहैबिलिटेशन क्लीनिक में जाने के लिए हामी भरी तो हुमा ने भाई एहसान से कहा, कहीं ये भाग न जाए। मुझे मेरा वसीम वापस चाहिए। “
इसके बाद वसीम को पहले एक महीने और फिर डेढ़ महीने और इस क्लीनिक में बिताने पड़े। उनका दावा है कि आख़िरी डेढ़ महीने उनकी मर्ज़ी के ख़िलाफ़ थे।
इस दौरान 2009 में वसीम ने एक बार पहली पत्नी हुमा अकरम को तलाक़ देने की भी सोची थी और वापस घर लौटने के बाद कोलकाता नाइट राइडर्स के कोच बन कर फिर मसरूफ़ हो गए थे।
वसीम के लंबे करियर को कवर करने वाले एआरवाई न्यूज़ के स्पोर्ट्स एडिटर और वरिष्ठ पत्रकार शाहिद हाशमी ने कराची से बताया, “जब आप सिलेब्रिटी हो जाते हैं तो एक क़ीमत किसी न किसी तरह से चुकानी पड़ती है. वसीम ने भी वो क़ीमत चुकाई। लेकिन अपनी ग़लती उन्होंने ईमानदारी से दुनिया के सामने रखी, ये बड़ी बात है।”