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आतिशी ने ऐसा जीता था सीएम केजरीवाल का विश्वास, पहले ही लिखी जा चुकी थी स्क्रिप्ट

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आतिशी

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अब मुख्यमंत्री चेहरे से सस्पेंस खत्म हो गया है. आम आदमी पार्टी ने आखिरकार मंगलवार 17 सितंबर 2024 को सीएफ फेस से पर्दा हटा दिया है. आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से आतिशी के नाम को आगे बढ़ाया गया है. इस नाम पर पार्टी ने भी मुहर लगा दी है. आतिशी ही आम आदमी पार्टी की दिल्ली मुख्यमंत्री होंगी. इसका ऐलान पार्टी की ओर से कर दिया गया है.

मौजूदा सीएम अरविंद केजरीवाल शाम 4.30 बजे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आतिशी के सीएम बनने की स्क्रिप्ट काफी पहले ही लिखी जा चुकी थी. यही नहीं क्या आपको पता है कि आखिर आतिशी ने अरविंद केजरीवाल का भरोसा कैसे जीता. आइए जानते हैं कि हर सवाल का जवाब इस इनसाइड स्टोरी में…

आतिशी ने ऐसा जीता था सीएम केजरीवाल का विश्वास
अरविंद केजरीवाल ने जब से आम आदमी पार्टी बनाई कई नेताओं ने उनका साथ छोड़ दिया. ये वह दौर था जब पार्टी को भरोसेमंद लोगों की जरूरत थी. 2012 में पार्टी अस्तित्व में आई और इसके शुरुआती दिन काफी संघर्ष पूर्ण बीते. केजरीवाल के साथ आंदोलन में खड़े दो बड़े कद्दावर नेता योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने केजरीवाल के साथ मतभेद के चलते बगावत कर ली.

आतिशी ने ऐसे तय की आगे की दिशा
दरअसल आतिशी को आम आदमी पार्टी से जोड़ने में योगेंद्र यादव की बड़ी भूमिका मानी जाती है. यही वजह है कि आतिशी को योगेंद्र यादव का करीबी भी माना जाता था. लेकिन आतिशी ने इस बगावत के बीच योगेंद्र यादव की बजाय अरविंद केजरीवाल के साथ कदम बढ़ाया सही समझा और एक पत्र के जरिए उन्होंने योगेंद्र यादव एवं प्रशांत भूषण से खुद को अलग कर लिया.

पार्टी में बढ़ता गया कद
आतिशी ने 2015 में इस बगावत के वक्त न सिर्फ अरविंद केजरीवाल का साथ दिया बल्कि आगे भी पार्टी के फैसलों में अपनी अहम भूमिका निभाई. इसका फायदा भी आतिशी को मिला औऱ वर्ष 2020 में आतिशी को कालका सीट से विधायक का टिकट पार्टी ने दिया. आतिशी ने इस टिकट पर जीत दर्ज कर पहली बार विधायक बनकर आम आदमी पार्टी के लिए अपनी सेवाओं को और धार देने का काम किया.

दो दिग्गज नेताओं का जेल में जाना औऱ आतिशी का कमान संभालना
एक वक्त ऐसा भी आया जब पार्टी को दो कद्दावर नेताओं को जेल जाना पड़ा ऐसे में आतिशी को पार्टी ने मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी और इस पर भी आतिशी खरी उतरीं. उनके काम के तरीके ने अरविंद केजरीवाल का भरोसा जीता.

पहले ही लिखी जा चुकी थी स्क्रिप्ट
आतिशी ही दिल्ली की मुख्यमंत्री होंगी इसकी स्क्रिप्ट कुछ महीने पहले ही लिखी जा चुकी थी. दरअसल पार्टी ने इसका संकेत 15 अगस्त को ही दे दिया था. जब पार्टी के दिग्गज नेताओं की अनुपस्थिति में झंडा फहराने की जिम्मेदारी के लिए आतिशी का नाम आगे आया था. ऐसे में उसी वक्त यह तय हो गया था कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व आतिशी के नाम पर सहमत है.

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