काली मिर्च (Black pepper) भारत के प्रमुख मसालों में एक है. दुनिया भर के सभी देशों में इसका प्रयोग किया जाता है. खाने को स्वाद और महक देने के अलावा भी कई सेहतमंद फायदे है.
- सदियों से काली मिर्च का प्रयोग खांसी, जुकाम, बंद नाक, ठंडी लगने जैसी बीमारियों को सफलतापूर्वक ठीक करने में किया जाता रहा है. इसके लिए अदरक-काली मिर्च-तुलसी-शहद का काढ़ा पियें या फिर ये सब (अदरक-काली मिर्च-तुलसी) कूटकर चाय के साथ उबाल लें.
- – काली मिर्च पेट में गैस बनने की सम्भावना दूर करता है. सभी आयुर्वेदिक पाचक चूर्ण और गोली में काली मिर्च जरुर मिला होता है.
- काली मिर्च में पाए जाने वाला पाइपराइन तत्व भोजन पचाने में मदद करता है और पेट की कई बीमारियां ठीक करने में भी कारगर है. यह पेट में पाए जाने वाले हाइड्रोक्लोरिक एसिड का स्राव तेज करता है जिससे पाचन अच्छे से हो सके. पाचन सही हो तो पेट की अधिकतर बीमारियाँ होती ही नहीं.
- दांतों के दर्द में यह तुरंत फायदा पहुंचाता है. दंत रोग से बचाने में यह अच्छा काम करता है, इसीलिए आयुर्वेदिक दंत मंजन चूर्ण में काली मिर्च जरुर मिलाया जाता है.
- काली मिर्च के पाइपराइन नामक तत्व में गुण होते हैं जोकि टेंशन, डिप्रेशन दूर करते हैं. यह तंत्रिका तन्त्र को एक्टिव करता है और स्वस्थ रखता है.
- काली मिर्च विटिलिगो त्वचा रोग , चेहरे पर महीन लाइन, सिकुड़न और अन्य त्वचा रोग को ठीक करने में सहायक माना गया है.
- सर में रूसी की समस्या दूर करने के लिए 1 चम्मच पीसी काली मिर्च चूर्ण को दही में मिलाकर सर की त्वचा में लगायें. आधे घंटे लगे रहने के बाद पानी से धो दें. इसके अगले दिन बाल शैम्पू से धो दें.
- काली मिर्च से वजन कम करे –काली मिर्च मेटाबोलिज्म को तेज करता है. मेटाबोलिज्म तेज होने से फालतू मोटापा और कैलोरीज खत्म होती हैं. इसलिए अगर आप वजन घटाने के इच्छुक हैं तो काली मिर्च को आहार में जरुर शामिल दें.
- काली मिर्च में पाइपराइन नामक तत्व होता है जोकि कैंसर होने से बचाता है.
- काली मिर्च का तेल भी फायदेमंद होता है. बाजार में काली मिर्च एसेंशियल आयल मिलता है. इस तेल की प्रवृत्ति गर्म होती है. इस तेल की मालिश से रक्त संचार तेज होता है, जिससे आर्थराइटिस, गाउट, गठिया रोग में आराम मिलता है.
- काली मिर्च में विटामिन ए , विटामिन सी, एंटी-ओक्सिडेंट, फलेवोनोइडस पाए जाते हैं. काली मिर्च का एंटी बैक्टीरियल गुण सांस सम्बन्धी रोगों को भी दूर करता है.
- काली मिर्च में डाईयूरेटिक, डाईअफोरेटिक गुण पाए जाते हैं. इन गुणों की वजह से काली मिर्च शरीर के विषैले टोक्सिन तत्व, अनावश्यक यूरिक एसिड, बढ़ा हुआ नमक की मात्रा शरीर से बाहर करता है.
काली मिर्च कैसे खाएं –
– वैसे तो लोग गरम मसाले में खड़ी काली मिर्च डालते हैं, लेकिन ताज़ी कुटी काली मिर्च खाना ज्यादा फायदेमंद होती है.
– ताज़ी कुटी काली मिर्च आमलेट, , सलाद, सूप, पास्ता, छाछ आदि में डालकर खाई जा सकती है. इससे स्वाद भी बढ़िया होगा और फायदे भी मिलेंगे.
– काली मिर्च का चूर्ण बनाने से अच्छा है कि जब भी आवश्यकता हो, तुरंत थोड़ा काली मिर्च कूट लें