मलेशिया के राजा सुल्तान अब्दुल्ला सुल्तान अहमद शाह ने संसद को स्थगित कर दिया है और देश में आपातकाल लागू कर दिया है. बीते 50 साल में यह पहला मौका है जब मलेशिया के राजा ने देश में आपातकाल लागू किया है. इस फैसले से देश के प्रधानमंत्री मुहयिद्दीन यासीन को बिना चुनाव के ही महामारी काबू होने तक पद पर बने रहने का अधिकार मिल जाएगा.
प्रधानमंत्री मुहयिद्दीन यासीन हाल के दिनों में कई तरह की परेशानियों से घिरे रहे हैं, लेकिन आपातकाल लागू होने से उन्हें अतिरिक्त शक्ति हासिल हो जाएगी. सरकार कोरोना के खिलाफ युद्ध में अब पुलिस और मिलिट्री को शामिल कर सकती है और प्राइवेट हॉस्पिटल के काम काज को भी अपने हाथ में ले सकती है.
फिलहाल एक अगस्त तक के लिए आपातकाल लागू किया गया है. लेकिन आपातकाल के समय में बदलाव भी किया जा सकता है, इसको लेकर एक कमेटी राजा को सुझाव देगी.
प्रधानमंत्री मुहयिद्दीन यासीन ने कहा है कि देश में महंगाई रोकने के लिए वे मूल्यों को काबू कर सकते हैं. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि राजा की ओर से लगाया गया आपातकाल मिलिट्री की ओर से किया गया तख्तापलट नहीं है और देश में कर्फ्यू लागू नहीं किया जाएगा.
वहीं, विपक्षी नेताओं ने आपातकाल लागू किए जाने की आलोचना की है और कहा है कि प्रधानमंत्री कोरोना को काबू करने में नाकाम रहे हैं और महामारी के बहाने से सत्ता में बने रहने की कोशिश कर रहे हैं.
आने वाले वक्त में मलेशिया में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने की आशंका जाहिर की गई है. पिछले हफ्ते देश में रोज करीब 2 हजार नए मामले सामने आए थे, लेकिन मार्च के आखिर तक रोज 8 हजार नए केस आ सकते हैं. मलेशिया की आबादी करीब 3 करोड़ 25 लाख है और अब तक यहां कोरोना के कुल 141,533 मामले सामने आ चुके हैं. अब तक देश में 559 लोगों की मौतें हुई हैं.