पूरे देश भर में चैत्र नवरात्र का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. चौथे दिन माता कुष्मांडा की भक्तों ने पूजा-अर्चना की. लेकिन इन दिनों खरमास होने की वजह से मांगलिक कार्य बंद है. ऐसी मान्यताएं हैं कि खरमास में विवाह, भवन-निर्माण, नया व्यापार या व्यवसाय आदि शुभ कार्य वर्जित हैं. पंचाग के अनुसार यह समय सौर मास का होता है जिसे खर मास कहा जाता है. माना जाता है कि इस मास में सूर्य देवता के रथ को घोड़े नहीं खींचते हैं. पिछले 14 मार्च से खरमास चल रहा है. अब इसी महीने 14 अप्रैल को खरमास खत्म हो जाएगा. उसके बाद शहनाइयां शुरू होगी.
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि 14 अप्रैल के बाद से लेकर 10 जुलाई तक फिर से शादी के कई शुभ मुहूर्त निकल रहे हैं. 10 जुलाई को देव शयनी एकादशी प्रारंभ होने जा रही है, जो 4 नवंबर देवोत्थानी एकादशी तक रहेगी. मालूम हो कि इस बीच मई के महीने में विवाह के सबसे अधिक मुहूर्त हैं. सनातन परंपरा के मुताबिक मई में विवाह के कुल 19 शुभ मुहूर्त हैं. इसके जून में 17, जुलाई में 9, नवंबर में 5 और दिसंबर में 9 तिथियों को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं. 14 मार्च से मीन राशि में सूर्य ग्रह प्रवेश कर गया. ऐसी स्थिति में 14 अप्रैल तक इसी राशि में रहने के कारण खरमास लगा हुआ है. ऐसे में शादी-समारोह समेत सभी मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे, लेकिन 15 अप्रैल से फिर शुभ मुहूर्त शुरू हो रहे हैं.