विधानसभा चुनाव से पहले केरल सरकार ने बड़ा फैसला किया है. सबरीमाला और नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोगों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे. केरल कैबिनेट ने यह फैसला ले लिया है. सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश और सीएए का विरोध करने वाले लोगों के खिलाफ सैकड़ों मामले दर्ज किए गए थे.
गौरतलब है कि सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केरल में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी. 2018 में पांच बार केरल बंद किया गया था और कई जगहों पर हिंसा हुई थी. इस हिंसा के मामले में करीब 50 हजार लोगों के ऊपर केस दर्ज किया गया था. विपक्ष लगातार केस वापस लेने की मांग कर रहा था.
यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने पिछले सप्ताह ही केरल सरकार से केस को वापस लेने की मांग की थी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला ने 15 फरवरी को आरोप लगाया था कि एलडीएफ सरकार ने इन विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने वाले हजारों लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं, जिसमें अय्यप्पा भक्त शामिल हैं, जिन्होंने कोर्ट के फैसले का विरोध किया था.
कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला ने इस मसले में केरल सरकार पर प्रतिशोध का आरोप लगाया था और कहा था कि अगर यूडीएफ सत्ता में आई तो इन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लिया जाएगा. इससे पहले नायर समुदाय के एक संगठन ने मांग की थी कि राज्य सरकार अय्यप्पा भक्तों के खिलाफ मामले वापस ले, जिन्होंने ‘नमाजापा’ जुलूस में हिस्सा लिया था.