हैदराबाद, 11 अप्रैल 2025: भारत राष्ट्र समिति (BRS) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कंचा गचिबोवली क्षेत्र में 400 एकड़ वन भूमि की नीलामी को लेकर राज्य सरकार, एक भाजपा सांसद और एक निजी बैंक पर 10,000 करोड़ रुपये के वित्तीय घोटाले का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि यह भूमि, जो हैदराबाद विश्वविद्यालय के समीप स्थित है, को तेलंगाना इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर कॉर्पोरेशन (TGIIC) को बिना वैध स्वामित्व हस्तांतरण के गिरवी रखकर ICICI बैंक से ऋण लिया गया।
रामा राव ने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया में वित्तीय जिम्मेदारी और बजट प्रबंधन (FRBM) अधिनियम को दरकिनार करने के लिए एक दलाल एजेंसी को 169 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई। उन्होंने यह भी कहा कि भूमि का मूल्यांकन जानबूझकर कम किया गया, जिससे इसकी कुल कीमत 30,000 करोड़ रुपये से घटकर 16,640 करोड़ रुपये रह गई।
BRS नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले की जांच की मांग की और चेतावनी दी कि यदि कार्रवाई नहीं की गई, तो यह घोटाला 60,000 करोड़ रुपये तक बढ़ सकता है। उन्होंने ICICI बैंक की भूमिका पर भी सवाल उठाए, जिसने बिना उचित स्वामित्व जांच के इतना बड़ा ऋण प्रदान किया।
इस घोटाले ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है, और विपक्षी दलों ने सरकार की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाए हैं।