सुप्रीम कोर्ट जोशीमठ संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग करने वाली याचिका को जल्द सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर मंगलवार को विचार करेगा।
बता दे कि चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने सोमवार को याचिकाकर्ता स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से पेश वकील परमेश्वर नाथ मिश्रा से कहा कि वह मंगलवार को इस मामले को मेंशन करें। हालांकि मिश्रा ने सोमवार को पीठ के सामने मामला उठाते हुए जल्द सुनवाई का आग्रह किया था।
इसी के साथ याचिकाकर्ता का कहना है कि जोशीमठ में आज जो भी हो रहा है वह खनन, बड़ी-बड़ी परियोजनाओं का निर्माण और उसके लिए किए जा रहे ब्लास्ट के चलते हो रहा है। यह बड़ी आपदा का संकेत है।
नगर में लंबे समय से भू-धंसाव हो रहा है। लोग इसको लेकर आवाज उठाते आ रहे हैं लेकिन सरकार की ओर से इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। इसका खामियाजा आज एक एतिहासिक, पौराणिक व सांस्कृतिक नगर और वहां रहने वाले लोग झेल रहे हैं।
यह घटना बड़े पैमाने पर औद्योगिकीकरण के कारण हुई है और उत्तराखंड के लोगों को तत्काल वित्तीय सहायता और मुआवजा दिया जाना चाहिए।
बता दे कि सरस्वती ने याचिका में कहा, इन्सानी जान और उनके पर्यावास की कीमत पर किसी विकास की जरूरत नहीं है। यदि ऐसा होता है तो यह राज्य और केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह युद्ध स्तर पर कदम उठाकर इसे रोकें।