भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 2025 के रायसीना डायलॉग में कश्मीर मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए पश्चिमी देशों और संयुक्त राष्ट्र के रुख की आलोचना की। उन्होंने कहा कि 1947 में पाकिस्तान द्वारा कश्मीर में किए गए आक्रमण को पश्चिम और संयुक्त राष्ट्र ने विवाद में बदल दिया, जिससे आक्रमण करने वाला देश और पीड़ित दोनों को एक जैसा दिखाया गया।
जयशंकर ने यह भी कहा कि यह बदलाव कश्मीर के वास्तविक मुद्दे को छिपाता है और उसे एक दोतरफा विवाद के रूप में प्रस्तुत करता है। उन्होंने पश्चिमी हस्तक्षेपों में असमानता का हवाला देते हुए कहा कि कुछ क्षेत्रों में लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के प्रचार के नाम पर हस्तक्षेप किया जाता है, जबकि अन्य स्थानों पर इसे संदेह की दृष्टि से देखा जाता है।
उन्होंने एक मजबूत और निष्पक्ष संयुक्त राष्ट्र की आवश्यकता की बात की, जो अंतरराष्ट्रीय आदेश को बनाए रखे और वैश्विक स्तर पर समान मानकों का पालन करें। जयशंकर ने कश्मीर जैसे विवादों के समाधान के लिए वैश्विक संगठन की भूमिका को अहम बताया और असमानता को खत्म करने का आह्वान किया।