जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को लेकर भारी हंगामा हुआ। सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और कांग्रेस के विधायकों ने इस अधिनियम पर चर्चा की मांग करते हुए कार्यवाही स्थगित करने की अपील की, लेकिन अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने इसे यह कहकर खारिज कर दिया कि मामला अदालत में विचाराधीन है और विधानसभा नियमों के अनुसार इस पर चर्चा नहीं हो सकती।
इस निर्णय से नाराज होकर NC और कांग्रेस विधायकों ने काले बाजूबंद पहनकर सदन में प्रदर्शन किया और ‘वक्फ कानून वापस लो’, ‘काला कानून नहीं चलेगा’ जैसे नारे लगाए। इस विरोध के कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
NC विधायक तनवीर सादिक ने सदन में कहा, “जम्मू-कश्मीर एक मुस्लिम बहुल राज्य है और वक्फ संपत्तियां हमारे धार्मिक अधिकारों से जुड़ी हैं। इस कानून से समुदाय के अधिकारों पर आघात पहुंचा है।” वहीं, बीजेपी नेताओं ने विरोध को राजनीति से प्रेरित बताया।
इस अधिनियम के तहत वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति और सरकारी नियंत्रण बढ़ाने का प्रावधान है। जहां सरकार इसे पारदर्शिता बढ़ाने वाला कदम बता रही है, वहीं विपक्ष इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का हनन बता रहा है।