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भाजपा पर बरसे: ढाई साल बाद अखिलेश-जयंत आए एक मंच पर, गठबंधन कर निकले चुनावी ‘डगर’ पर

पश्चिम उत्तर प्रदेश की जाटलैंड बेल्ट में एक बार फिर से करीब ढाई साल बाद समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने संयुक्त रूप से विधानसभा चुनाव को लेकर गठबंधन करने का एलान किया. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी मेरठ से एक मंच पर आकर चुनावी बिगुल फूंका. रैली को संबोधित करते हुए दोनों नेताओं ने भाजपा पर जबरदस्त हमला बोला.

यह पहली हुआ जब जयंत पिता अजित सिंह के बिना किसी चुनाव के मैदान में उतरे. सपा और अखिलेश और जयंत ने मेरठ के पास दबथुवा में मंगलवार दोपहर जनसभा को एक साथ संबोधित किया. दोनों नेताओं ने इसे ‘परिवर्तन संदेश रैली’ का नाम दिया. सपा और रालोद ने मेरठ में एक साथ रैली करने के लिए इसलिए चुना क्योंकि पश्चिम उत्तर प्रदेश का किसान कृषि कानून को लेकर नाराज है.

हालांकि अब मोदी सरकार ने इस कानून रद कर दिया है. अखिलेश और जयंत गाजियाबाद से एक ही हेलिकॉप्टर से मेरठ के दबथुआ पहुंचे. रैली स्थान पर कई सियासी पोस्टर लगाए गए. कहीं पर गन्ना का कटआउट देखने को मिला तो कभी एलपीजी सिलेंडर के कटऑफ लगा दिए गए. इससे सपा-रालोद ने केंद्र और योगी सरकार के कार्यकाल में महंगाई से जनता परेशान है, संदेश दिया गया.

पहले यह रालोद की ही रैली थी, लेकिन बाद में इसे गठबंधन की रैली में तब्दील कर दिया गया. बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 के बाद जयंत चौधरी और अखिलेश यादव पहली बार मंच शेयर किया. लोकसभा के चुनाव में रालोद का गठबंधन सपा-बसपा गठबंधन से था. रालोद इस चुनाव में तीन सीटों पर लड़ी थी, लेकिन उसे एक भी सीटों पर जीत नहीं मिली.

वहीं सपा को 5 सीटों पर जीत मिली थी. सबसे अधिक फायदे में मायावती रहीं. बसपा 10 सीटों पर विजयी हुई. इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा, बसपा दोनों एक दूसरे से दूरी बनाए हुए हैं. रालोद और समाजवादी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ने जा रहे हैं. अब आइए जान लेते हैं अखिलेश और जयंत चौधरी ने इस रैली में क्या कहा.

शंभू नाथ गौतम

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