ब्रिटेन के कुछ एक्सपर्ट्स ने चिंता जाहिर की है कि रूस खतरनाक इबोला वायरस के जरिए बायोलॉजिकल हथियार बनाने पर रिसर्च कर रहा है. डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा समझा जा रहा है कि मॉस्को की खुफिया एजेंसी FSB यूनिट-68240 Toledo कोड नेम वाले प्रोग्राम पर काम कर रही है.
बता दें कि ब्रिटेन में दो साल पहले रूसी जासूस और उनकी बेटी पर नोविचोक केमिकल के जरिए जानलेवा हमला किया गया था और इस घटना का कनेक्शन FSB यूनिट-68240 से जुड़ा था.
गैर लाभकारी संस्था OpenFacto के जांचकर्ताओं को पता चला है कि रूस के रक्षा विभाग ने एक सीक्रेट यूनिट बना रखा है. इसका नाम है 48वीं सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट. यह सीक्रेट यूनिट बेहद जानलेवा वायरस की स्टडी कर रहा है.
वहीं, 48वीं सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट का कनेक्शन 33वीं सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट से भी है. इसी इंस्टीट्यूट ने जानलेवा नर्व एजेंट नोविचोक को तैयार किया था. रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने दोनों ही इंस्टीट्यूट पर प्रतिबंध लगा दिया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के रक्षा विभाग का 48वीं सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट FSB यूनिट-68240 को डेटा मुहैया कराता है जो Toledo प्रोग्राम को आगे बढ़ा रहा है.
ब्रिटिश अखबार The Mirror को एक सूत्र ने बताया कि रूस और ब्रिटेन, दोनों ने ही बायोलॉजिकल और केमिकल हथियारों पर स्टडी के लिए लैब बना रखे हैं. लैब में एक्सपर्ट यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि कैसे नॉविचोक जैसे हमले से बचा जा सकता है.