मध्य प्रदेश के महू में स्थित बड़गोंदा थाना क्षेत्र में एक आदिवासी युवती की मौत से पुरे नगर में हड़कंप मच गया। बता दे कि यहां लोगों ने जमकर हंगामा किया। जिसके बाद गुस्साए लोगों को भगाने के लिए पुलिस ने आंसूगैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज भी किया।
हालांकि इस दौरान जमकर पथराव हुआ। लोगों ने पुलिस के वाहनों में भी तोड़फोड़ की। इस दौरान पुलिस ने लोगों पर फायरिंग की और फायरिंग में गोली लगने से 18 वर्षीय भेरूलाल की मौत हो गई। मामले में कलेक्टर इलैया राजा टी ने इंदौर ग्रामीण क्षेत्र में धारा 144 लगा दी गई है।
इसी के साथ पथराव के दौरान बड़गोंदा के थाना प्रभारी भरत सिंह ठाकुर के साथ-साथ 20 अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हैं। प्रदर्शनकारियों ने इलाके से निकलने वाले वाहनों पर भी पथराव किया। पथराव के दौरान एक कार में सवार इंदौर की बालिका के घायल होने की सूचना भी मिली है।
हालांकि इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। घटना में कुल 20 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, इसमें टीआई ज्यादा घायल है। गोली से मृत युवक भेरूलाल का पोस्टमार्टम किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार स्वजन रात करीब 8 बजे एक युवती का शव लेकर डोंगरगांव पुलिस चौकी पहुंचे। उन्होंने शव को सड़क पर रखा और चक्काजाम कर दिया। इस दौरान युवा आक्रोशित नजर आए। उन्होंने पुलिस से मांग की है कि आरोपित को उनके हवाले किया जाए।
इसके बाद पुलिस ने गुस्साए लोगों को थाने से हटाने के लिए लाठीचार्ज किया। पता चला है कि आंसूगैस के आधा दर्जन से अधिक गोले भी छोड़े गए। हवाई फायर किए जाने की भी सूचना मिली है। पथराव के दौरान कुछ आदिवासियों के साथ कुछ पुलिसकर्मियों भी घायल हुए हैं।
बताया जा रहा है कि पुलिस ने ही युवती की मौत के बारे में परिवार के लोगों को अवगत करवाने के बाद महिला के शव का पोस्टमार्टम सिविल अस्पताल में करवाया था। इसके बाद बड़ी संख्या में आदिवासी बड़गोंदा थाने पर जमा हो गए और पुलिस के एफआइआर के आश्वासन के बाद लोग सड़क से अलग होकर थाने के सामने नारेबाजी करने लगे।