अमेरिका ने हाल ही में चीन, मेक्सिको और कनाडा से आयातित वस्तुओं पर 25% शुल्क लगाने की घोषणा की है। यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में उठाया गया है, क्योंकि इन देशों पर अमेरिका की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने का आरोप है।
इस निर्णय से भारत को राहत मिल सकती है, क्योंकि अमेरिकी अधिकारियों ने संकेत दिया है कि भारत को चीन, मेक्सिको और कनाडा के समान शुल्क नहीं लगाया जाएगा। यह भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों की विशिष्टता को मान्यता देने जैसा है, जिससे भारतीय निर्यातकों को संभावित शुल्क वृद्धि से राहत मिल सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका द्वारा चीन, मेक्सिको और कनाडा पर लगाए गए शुल्कों का भारत के कृषि, इंजीनियरिंग और वस्त्र क्षेत्र के निर्यातकों के लिए सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। भारत इन देशों से कुछ वस्तुओं का आयात कम करके और अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य पर अपनी वस्तुओं को प्रस्तुत करके लाभ उठा सकता है।
इसके अलावा, भारत अमेरिका के साथ “जीरो-फॉर-जीरो टैरिफ” समझौता प्रस्तावित कर सकता है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने में मदद मिल सकती है, जबकि व्यापक मुक्त व्यापार समझौते की जटिलताओं से बचा जा सकता है।
अंततः, अमेरिका द्वारा चीन, मेक्सिको और कनाडा पर लगाए गए शुल्कों से उत्पन्न होने वाले व्यापारिक परिवर्तनों का भारत के लिए अवसर के रूप में उपयोग करने की संभावना है, बशर्ते कि रणनीतिक रूप से कदम उठाए जाएं।