भारत ने 23 अरब डॉलर की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना को समाप्त करने का निर्णय लिया है, जो मुख्य रूप से चीन के साथ विनिर्माण प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई थी। इस योजना का उद्देश्य भारतीय विनिर्माण क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना था, लेकिन यह उम्मीदों के मुताबिक सफल नहीं हो पाई। योजना के तहत, बड़ी कंपनियां जैसे फॉक्सकॉन और रिलायंस इंडस्ट्रीज को शामिल किया गया था, लेकिन कई कंपनियां निर्धारित उत्पादन लक्ष्य हासिल करने में विफल रही।
अक्टूबर 2024 तक, योजना का केवल 37% उत्पादन लक्ष्य ही पूरा किया जा सका, और आवंटित फंड का केवल 8% ही वितरित हुआ। इसके परिणामस्वरूप, सरकार अब वैकल्पिक उपायों पर विचार कर रही है, लेकिन योजना की विफलता ने भारतीय विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि और प्रतिस्पर्धा के लिए नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस योजना की सीमित सफलता से भारत में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि में मंदी आ सकती है, जो चीन की बढ़ती उपस्थिति को चुनौती देने के भारत के प्रयासों के लिए एक बड़ा झटका है।