हाल ही में अफगानिस्तान के नये सरकार बनते ही उनके बीच में आपसी झगड़े शुरू हो गये है. बताया जा रहा है कि तालिबान का डिप्टी प्राइम मिनिस्टर मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के हक्कानी नेटवर्क के नेता खलील उर रहमान से मतभेद के बाद काबुल छोड़ दिया है. सूत्रों से यह खबर सामने आ रही है कि तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के बीच क्रेडिट को लेकर संघर्ष शुरू हो था कि अफगानिस्तान पर अपनी जीत का श्रेय किसे लेना चाहिए. जिसके बाद मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने काबुल छोड़ दिया है.
बीबीसी ने तालिबान सूत्रों के हवाले से अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि ” काबुल के राष्ट्रपति कार्यालय में अंतरिम कैबिनेट को लेकर दोनों नेताओं के बीच बहस हुई थी. 15 अगस्त को काबुल पर कब्जे के बाद से ही तालिबान और हक्कानी समूहों के बीच नेतृत्व और सरकार गठन को लेकर संघर्ष रहा है. इसलिए सरकार बनाने में देरी हो रही थी.”
इसके साथ साथ तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के बीच सरकार में हिस्सेदारी को लेकर भी विवाद है. हक्कानी नेटवर्क अफगानिस्तान की सरकार में प्रमुख भूमिका चाहता है, लेकिन तालिबान के नेता इसके विरुद्ध हैं. इस बात को लेकर भी दोनों के बीच अनबनी है. पिछले दिनों सरकार गठन के दौरान दोनों संगठनों के बीच गोली भी चली थी, जिसमें बरादर के घायल होने की खबरें सामने आई थीं.