अप्रैल माह में देवभूमि उत्तराखंड की वादियां बर्फ की सफेद चादर से ढक गईं हैं। पिछले तीन दिन से लगातार बारिश और बर्फबारी का दौर जारी है। जिससे ऐसा महसूस हो रहा है कि एक बार फिर राज्य में ठंड लौट आई है। शुक्रवार को भी चारधाम सहित ऊंची वादियों पर जमकर बर्फबारी हुई है। वहीं निचले इलाकों में गर्जना के साथ रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है।
अप्रैल महीने में भी बदरीनाथ धाम और माणा गांव में कुछ दिनों से अच्छी बर्फबारी हो रही है, जिससे इन जगहों के अलावा आसपास की सभी चोटियां बर्फ से लकदक हो गई हैं। धाम में कई जगह पर आधा फीट से अधिक बर्फ जम गई है।
वहीं मौसम बदलने और बर्फबारी होने से हेमकुंड साहिब के आस्था पथ पर बर्फ हटाने का काम ठप पड़ा है। केदारनाथ में बीते मंगलवार से अभी तक कई बार बर्फबारी हो चुकी है, डेढ़ फीट से अधिक बर्फ जम चुकी है, जिससे यहां हो रहे सभी पुनर्निर्माण कार्य ठप हो गए हैं।
जबकि निचले इलाकों में बारिश से ठंड बढ़ गई है। बारिश से जलस्रोतों को नया जीवन मिला है। साथ ही खेतों को पर्याप्त नमी मिल गई है।
द्वितीय केदार मद्महेश्वर, तृतीय केदार तुंगनाथ, चंद्रशिला समेत अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी अच्छी बर्फबारी हुई है। लगातार हो रही बारिश के कारण यमुनोत्रीधाम के खरशाली, नारायणपुरी, जानकीचट्टी, फूलचट्टी क्षेत्र में शुक्रवार को बर्फबारी हुई है।
कुमाऊं मंडल में भी चोटियों पर हिमपात और निचले इलाकों में बारिश हुई। पिथौरागढ़ जिले में मुनस्यारी के खलिया टॉप समेत उच्च हिमालयी क्षेत्र हंसलिंग, राजरंभा, पंचाचूली, छिपलाकेदार और दारमा और व्यास वैली के विभिन्न हिस्सों में बर्फबारी हुई है।
मुनस्यारी के बलाती तक हिमपात हुआ है। कनालीछीना में रात भारी बारिश के कारण हाईवे दो घंटे से अधिक समय तक बंद रहने से तीन से अधिक बरातें और सैकड़ों वाहन फंसे रहे। ग्रिफ के पास सड़क खोलने के लिए मशीनें नहीं होने से दिक्कत हुई।
सड़क बंद होने की सूचना पर पूर्व जिपं अध्यक्ष किशन भंडारी ने मौके पर मशीनें भिजवाकर सड़क खुलवाई। बारिश से जहां बढ़ती गर्मी और वनाग्नि की घटनाओं से निजात मिली, वहीं किसानों के चेहरे भी खिल उठे हैं।