बॉम्बे हाई कोर्ट का अहम फैसला- ‘WhatsApp ग्रुप में आपत्तिजनक पोस्ट के लिए एडमिन जिम्मेदार नहीं’

बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने एक वाट्सएप ग्रुप के एडमिनिस्ट्रेटर के खिलाफ पुलिस में दर्ज FIR खारिज कर दी. साथ ही एडमिनिस्ट्रेटर के खिलाफ गोंदिया में एक मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी.

कोर्ट ने कहा, “अगर FIR में दर्ज आरोपों को सही भी मान लिया जाए, और चार्जशीट के रुप में दर्शाए मैटीरियल को उसकी फेस वैल्यू पर गौर किया जाए तो भी आवेदक के खिलाफ आईपीसी की धारा 354-A(1)(iv), 509, 107 और आईटी एक्ट 2000 की धारा 67 के तहत अपराध साबित करने वाले पर्याप्त तत्व नहीं मिलते.”

क्या था केस?

एक वाट्सएप ग्रुप के एडमिनिस्ट्रेटर (आरोपी नंबर 2) और एक सदस्य (आरोपी नंबर 1) के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. दरअसल सदस्य ने वाट्सएप ग्रुप में शिकायतकर्ता के खिलाफ अश्लील भाषा का इस्तेमाल किया था. ऐसा किए जाने के बावजूद ग्रुप एडमिनिस्ट्रेटर ने सदस्य के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया था.

आरोप के मुताबिक एडमिनिस्ट्रेटर ने न तो सदस्य को ग्रुप से हटाया और न ही डिलीट किया. आगे आरोप लगाया गया कि एडमिनिस्ट्रेटर ने सदस्य को न ही माफी मांगने के लिए कहा. इसकी जगह उसने सिर्फ अपनी असमर्थता जताई.

ऐसे में जिसके खिलाफ अभद्र टिप्पणी हुई थी, उसने सदस्य और एडमिनिस्ट्रेटर दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई. इसके बाद जांच एजेंसी ने शिकायतकर्ता और दोनों आरोपियों के मोबाइल लेकर आगे जांच के लिए फॉरेन्सिक लैब भेजे.

जांच पूरी होने के अर्जुनी-मोरगांव के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने चार्जशीट पेश की गई.

मुख्य समाचार

हैदराबाद में दंपत्ति और उनके दो बच्चों की आत्महत्या, पुलिस ने शुरू की जांच

हैदराबाद के हबसिगुड़ा क्षेत्र में सोमवार रात एक दिल...

Topics

More

    मनिला एयरपोर्ट पर पूर्व राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते गिरफ्तारी, ICC के आदेश पर मचा हड़कंप!

    पूर्व फिलिपीनी राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते को इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट...

    Related Articles