इसी साल मार्च और जुलाई के महीने में भाजपा हाईकमान के उत्तराखंड में मुख्यमंत्री नेतृत्व परिवर्तन के बाद सतपाल महाराज का नाम सीएम पद की रेस में आगे चल रहा था. पहले भाजपा आलाकमान ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाया, तब महाराज को राज्य की कमान देने की चर्चाएं तेज थी लेकिन ऐनमौके पर तीरथ सिंह रावत को सत्ता सौंप दी गई.
कुछ महीनों बाद एक बार फिर उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन के बाद सतपाल महाराज का नाम मुख्यमंत्री की दौड़ में सुर्खियों में था लेकिन फिर एक बार ‘निराशा’ हाथ लगी. इस बार पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड की ‘बागडोर’ दे दी गई. भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के इस फैसले के बाद सतपाल महाराज की ‘नाराजगी’ भी खुलकर सामने आई थी. 4 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले सुबह पुष्कर सिंह धामी सतपाल महाराज के आवास पहुंचे और उन्हें मनाया था. बता दें कि कैबिनेट मंत्री सोशल मीडिया पर भी बहुत एक्टिव रहते हैं. पिछले काफी समय से वह उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं. इसके साथ बद्रीनाथ-केदारनाथ में जारी सेंट्रल परियोजनाओं को जल्द पूरा कराने के लिए आए दिन अफसरों के साथ समीक्षा बैठक करते हैं.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार