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पीएम मोदी-अमित शाह ने अब चुनावी रैली की तो भाजपा का ‘मिशन बंगाल’ पड़ेगा कमजोर

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कोरोना कहर के बीच अब पश्चिम बंगाल में भाजपा नेताओं ने अगर कोई बड़ी चुनावी रैली की तो राज्य में पार्टी को उल्टा दांव पड़ना तय है । साथ ही इस महासंकटकाल में पार्टी की ‘साख’ भी पूरे देश भर में खराब होगी। जो अभी तक भारतीय जनता पार्टी ने बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए माहौल बनाया है वह भी ‘कमजोर’ पड़ सकता है ।

अब बात को आगे बढ़ाते हैं। आज बात करेंगे राहुल गांधी की । आमतौर पर देखा गया है कि राहुल गांधी की बातों को भाजपा नेता गंभीरता से नहीं लेते हैं । रविवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा था कि कोरोना की स्थिति को देखते हुए वे पश्चिम बंगाल में अपनी सभी सार्वजनिक रैलियों को स्थगित कर रहे हैं।

उन्होंने सभी दूसरे दलों के नेताओं को भी इस पर गहराई से विचार करने की सलाह दी थी। ‘राहुल की सलाह अब राजनीतिक दलों के नेताओं पर असर दिखाने लगी है’ । सोमवार को टीएमसी प्रमुख मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी बाकी बचे तीन चरणों के लिए सभी चुनावी सभाएं रद कर दी है । ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस अब कोलकाता में छोटी-छोटी चुनावी सभाएं आयोजित करेगी।

ममता बनर्जी अब सिर्फ 26 अप्रैल को एक ‘प्रतीकात्मक’ रैली करेंगीं। इसके साथ मुख्यमंत्री ममता ने एक बार फिर निर्वाचन आयोग से अपील की है कि बंगाल में बाकी तीन चरणों के चुनाव को एक साथ कराएं । टीएमसी के इस एलान के बाद वाम दलों के नेताओं ने भी राज्य में कोई भी बड़ी चुनावी जनसभा न करने की घोषणा की है ।

कांग्रेस, टीएमसी और लेफ्ट केेेे फैसले के बाद जनसभाएं न करने के लिए दबाव बढ़ने लगा है । संभव है जल्द ही ‘पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की बंगाल में प्रस्तावित चुनावी जनसभाएं रद की जा सकती हैं’ । ‘बंगाल में कोरोना के बिगड़ते हालातों को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को चुनावी जनसभाएं करनी भी नहीं चाहिए, क्योंकि इन दोनों नेताओं की जनसभाओं में हजारों की भीड़ से संक्रमण फैलने का खतरा और भी तेजी के साथ बढ़ेगा’।

एक और बात यहां आपको बताना चाहेंगे अगर भाजपा के नेता ऐसे हालात में बंगाल के किसी क्षेत्र में बड़ी चुनावी जनसभाएं करते हैं तो ममता बनर्जी के लिए भी पीएम मोदी और अमित शाह को घेरने के लिए मौका मिल जाएगा। दूसरी वजह यह है कि जब बंगाल में उनके धुर विरोधी ममता ने ही बड़ी चुनावी जनसभाओं से किनारा कर लिया है ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के लिए चुनावी जनसभाओं के दौरान हजारों की भीड़ जुटने पर बंगाल के साथ देश की जनता अब जवाब भी मांगेगी।

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