देश में चल रहा किसानों का विरोध प्रदर्शन हर दिन नया रूप ले रहा है। किसान केंदॅ के नए कृषि कानूनों का कमकर विरोध कर रहे हैं। टैक्ट्ररों में सोना, रास्ते पर खाना सभी मुश्किलों का सामने कर रहे किसान पूरी तैयारी के साथ ये प्रदर्शन करने के लिए आएं है। उनके समर्थन में कई लोग मदद करने के लिए उतर आए है।
दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर नकिसान पिछले 14 दिनों से सर्दियों में बैठे हैं। इसी जगह पर 50 से अधिक मुक्त चिकित्सा शिविर सामने आए हैं। जहां आंदोलनकारी किसानों को मुफ्त दवाएं और एम्बुलेंस सेवाएं भी प्रदान की जा रही हैं।
यूनाइटेड सिख एनजीओ से जुड़े एक वॉलिन्टियर डॉ कंवर पाल सिंह ने इस तरह के कई शिविर लगाए हैं, उन्होंने बताया कि लोग ज्यादातर बुखार और गले में खराश की शिकायत करते हैं। वो कहते हैं कि प्रदर्शनकारियों कोविड -19 महामारी के बीच सभी सावधानी बरत रहे हैं।
डॉक्टरों और स्वयंसेवकों ने कहा कि कई लोगों में पहले से ही स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जिसके लिए उन्हें नियमित दवाओं और स्वास्थ्य जांच की आवश्यकता है।
एनजीओ से जुड़े एक स्वयंसेवक ने कहा, “हमारे स्वयंसेवक यहां चौबीसों घंटे उपलब्ध हैं। यहां एम्बुलेंस सेवा और यहां तक कि सर्जन भी उपलब्ध हैं। 1 किमी की दूरी के भीतर दो अस्पताल, प्रदर्शनकारियों को छोटी समस्याओं के लिए मुफ्त उपचार प्रदान कर रहे हैं। ”
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि शिविर इस तनावपूर्ण वातावरण में भी उन्हें स्वस्थ रखने में बहुत मदद करते हैं। किसान, ज्यादातर पंजाब से हैं और तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, जो विपक्षी दलों द्वारा आपत्ति के बावजूद संसद में ध्वनिमत से पारित किए गए थे।