ताजा हलचल

गरमाई सियासत: सपा नेता और अखिलेश के करीबी के यहां नोटों का अंबार मिला, इनकम टैक्स की कार्रवाई जारी

0

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले हो रही छापेमारी से राजनीति गरमा गई है. अभी कुछ दिन पहले ही आयकर विभाग की टीम ने समाजवादी पार्टी के तीन नेताओं के घर पर छापे मारे थे. इसके बाद समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच जमकर जुबानी जंग हुई थी. अभी यह मामला शांत भी नहीं हो पाया था कि एक बार फिर इनकम टैक्स की टीम ने इत्र व्यवसायी समाजवादी पार्टी के नेता और अखिलेश यादव के बेहद करीबी पीयूष जैन के यहां गुरुवार को छापेमार कार्रवाई शुरू की, जो अभी तक जारी है. छापेमारी के दौरान डीजीजीआई और आयकर विभाग को कई अलमारियों में नोट भरे मिले हैं, जिसे गिनने में टीम को कई घंटे लग गए हैं.

बता दें कि कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर स्थित घर पर डीजीजीआई और इनकम टैक्स ने गुरुवार को छापा मारा था. इस दौरान अलमारियों में इतने पैसे मिले कि नोट गिनने वाली मशीन मंगानी पड़ी. यह छापेमारी करीब 24 घंटे से चल रही है. पीयूष जैन के घर पर नोटों के बंडल का अंबार लगा हुआ है. पीयूष जैन के घर के बाहर अभी तक नोटों से भरे 6 बक्से रखे हैं. इन बक्सों को आयकर विभाग की टीम ले जाने की तैयारी में है. मौके पर पीएसी बुला ली गई है. पीयूष जैन मूलरूप से कन्नौज के रहने वाले हैं. उनका वहां घर, कोल्ड स्टोर, पेट्रोल पंप और इत्र की फैक्ट्री भी है. इत्र की फैक्ट्री का हेड ऑफिस मुंबई में है. ऐसे में आयकर विभाग की मुंबई टीम ने एक साथ कानपुर, मुंबई और कन्नौज के सभी ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है.

पीयूष जैन की 2 कंपनियां मिडिल ईस्ट में भी हैं. पीयूष जैन अखिलेश यादव के करीबी हैं और उन्होंने पिछले दिनों समाजवादी इत्र लॉन्च किया था. उसके बाद यह सपा नेता चर्चा में आए थे. बता दें कि लखनऊ, मऊ और मैनपुरी में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबियों और पार्टी पदाधिकारियों के राजीव राय, मनोज यादव और जैनेंद्र यादव के ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी की थी. सपा नेताओं के घर पर आयकर विभाग की टीम की छापेमारी ऐसे समय हुई है जब उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर माहौल गर्म है और सत्तापक्ष से लेकर विपक्ष तक चुनावी अभियान में जुटी हैं. हालांकि अभी तक समाजवादी पार्टी की ओर से इस मामले में कोई बयान नहीं आया है.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version