तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को ‘जहर’ करार देते हुए हिंदी थोपने के प्रयासों के खिलाफ मोर्चा खोला है। उन्होंने कहा कि राज्य में तमिल को उचित स्थान दिलाने की मांग करना कोई उग्रवाद नहीं है, बल्कि यह भाषाई समानता की ओर एक कदम है। स्टालिन ने केंद्र सरकार से संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं को समान दर्जा देने की अपील की है।
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने स्टालिन पर पलटवार करते हुए उन्हें ‘विक्षिप्त’ बताया है। BJP राज्य प्रमुख के. अनामलाई ने कहा कि मुख्यमंत्री हिंदी थोपने के खिलाफ अपनी कागजी युद्ध चला रहे हैं, जो वास्तविकता से परे है।
यह विवाद तमिलनाडु में हिंदी थोपने के खिलाफ ऐतिहासिक विरोध प्रदर्शनों की याद ताजा करता है, जो राज्य की भाषाई पहचान की रक्षा के लिए लड़े गए थे। राज्य में इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है, जिससे राज्य और केंद्र सरकार के बीच संबंधों में तनाव बढ़ता दिखाई दे रहा है।