उत्तराखंड में मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के मुताबिक 15 फरवरी के बाद दक्षिण पश्चिम की हवाओं की दस्तक से तापमान में तेजी से बढ़ोतरी होगी और गर्मी का दौर शुरू हो जाएगा।
इसी के साथ पर्वतीय इलाकों में खासकर दो हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी के चलते न सिर्फ ग्लेशियर तेजी से पिघलेंगे, बल्कि ग्लेशियरों के टूटने और हिमस्खलन की भी पूरी संभावना है।
बता दे कि दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के दबाव के चलते अगले एक सप्ताह तक मैदान से लेकर पहाड़ तक जबरदस्त गर्मी पड़ने की संभावना है। साथ ही मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के पर्वतीय इलाकों में अधिकतम तापमान में आठ से 10 डिग्री की बढ़ोतरी की संभावना है। वहीं, मैदानी क्षेत्रों में भी गर्मी देखने को मिलेगी। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अप्रैल में पड़ने वाली गर्मी का एहसास फरवरी में ही होगी।
इसी के साथ शासन-प्रशासन से नदियों के किनारे बसे लोगों की सुरक्षा को लेकर एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी है। उन्होंने इसे लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम के बदले मिजाज के चलते मसूरी, टिहरी, पौड़ी, लैंसडौन, मुक्तेश्वर, नैनीताल समेत तमाम पर्वतीय इलाकों में गर्मी बढ़ेगी। वहीं, दून में अगले 24 घंटे में आसमान साफ रहेगा और अधिकतम तापमान 27 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है।