21 अप्रैल 2025 को, हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रशासन के खिलाफ एक संघीय मुकदमा दायर किया है। यह मुकदमा $2.2 बिलियन से अधिक के अनुसंधान अनुदानों के फ्रीज को रोकने के लिए दायर किया गया है, जिसे विश्वविद्यालय ने असंवैधानिक और अवैध बताया है।
हार्वर्ड के अध्यक्ष एलन गार्बर ने कहा कि यह फंडिंग रोक चिकित्सा अनुसंधान, वैज्ञानिक खोजों और नवाचारों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि ट्रंप प्रशासन ने विश्वविद्यालय पर दबाव डालने के लिए यह कदम उठाया है, जिससे वह अपने शैक्षणिक कार्यक्रमों और प्रशासनिक नीतियों में सरकार की मांगों के अनुसार बदलाव करे।
ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड पर आरोप लगाया है कि उसने गाज़ा युद्ध के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान यहूदी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की, जिससे टाइटल VI के उल्लंघन का मामला बनता है। हालांकि, हार्वर्ड ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह फंडिंग रोक शैक्षणिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है।
यह मुकदमा उच्च शिक्षा संस्थानों और संघीय सरकार के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है, जहां विश्वविद्यालय अपनी स्वायत्तता की रक्षा के लिए कानूनी रास्ता अपना रहे हैं।