अक्सर ये खबरें आती हैं कि अंतरिक्ष से एक बड़ा सा पत्थर, एस्टेरॉयड या उल्कापिंड धरती की ओर आ रहा है. धरती को खतरा है. अब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने दावा किया है कि ये पत्थर, एस्टेरॉयड या उल्कापिंड एलियंस की ओर से धरती की तरफ फेंका गया कचरा है. इसे प्रोफेसर अंतरिक्ष का कचरा कह रहे हैं. यानी स्पेस गार्बेज. आइए जानते हैं कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने अपने दावे में और कौन-कौन सी बातें कहीं हैं.
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एस्ट्रोनॉमी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर अवी लोएब (Avi Loeb) का कहना है कि अंतरिक्ष से धरती की तरफ आने वाले चमकते हुए पत्थर इस बात का प्रमाण हैं कि धरती के अलावा भी जीवन है. ये पत्थर एलियंस या अंतरिक्ष में मौजूद दूसरी सभ्यता की ओर से फेंका गया कचरा है. यह कचरा अब पूरे अंतरिक्ष में फैला हुआ है. ये खबर वायन नाम की वेबसाइट में प्रकाशित हुई है.
प्रोफेसर अवी लोएब (Avi Loeb) का दावा है कि साल 2017 में एलियंस ने एक अंतरिक्ष का कचरा (Space Garbage) फेंका था. उन्होंने इस बात का जिक्र अपनी किताब एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियलः द फर्स्ट साइन ऑफ इंटेलिजेंट लाइफ बेयॉन्ड अर्थ (Extraterrestrial: The First Sign of Intelligent Life Beyond Earth) में किया है. उन्होंने यह भी दावा किया कि अंतरिक्ष के इस कचरे ने हमारे सौर मंडल की यात्रा की, जबकि हम उसे एक चमकने वाला पत्थर समझ रहे थे.
प्रोफेसर अवी लोएब (Avi Loeb) ने कहा कि 6 सितंबर 2017 को एक वस्तु स्टार वेगा से निकला. ये तारा धरती से 25 प्रकाश वर्ष दूर है. यह हमारे सौर मंडल में घुसा और 9 सितंबर को सूरज के नजदीक से निकला. यही वस्तु शुक्र ग्रह के पास से 94790 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरा. इसके बाद यह पेगासस नक्षत्र की ओर जाते हुए अंधरे में गायब हो गया. 7 अक्टूबर को यह वापस धरती का चक्कर लगाकर गायब हो गया.
अंतरिक्ष से आई इस वस्तु का नाम है ओउमुआमुआ (Oumuamua). यह 300 फीट लंबी पत्थर जैसी दिखने वाली वस्तु है. यह पहला ऐसा स्पेस टूरिस्ट है जो अंतरिक्ष में मौजूद किसी दूसरी दुनिया से आकर हमारे सौरमंडल में चक्कर लगाकर वापस चला गया. कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि इस वस्तु पर हमारे सौर मंडल में आने के बाद सूरज की गुरुत्वाकर्षण शक्ति भी काम नहीं कर पाई.
प्रोफेसर अवी लोएब (Avi Loeb) कहते हैं कि अगर गुफा में रहने वाले इंसान को सेलफोन दिखा दिया जाए तो वह क्या सोचेगा. मैंने पूरी जिंदगी अंतरिक्ष से आने वाले पत्थरों का अध्ययन किया है. लेकिन इस चमकते हुए पत्थर को देख कर लगता है कि यह साधारण पत्थर से कहीं ज्यादा कुछ और है.
प्रोफेसर लोएब ने लिखा है कि ओउमुआमुआ (Oumuamua) अपनी चौड़ाई से दस गुना ज्यादा लंबा है. यह बेहद दुर्लभ स्थिति है. हमने आजतक के इतिहास में जितने भी एस्टेरॉयड या अंतरिक्ष के पत्थर देखे हैं, ओउमुआमुआ (Oumuamua) एकदम वैसा नहीं है.
प्रोफेसर अवी लोएब कहते हैं कि ओउमुआमुआ (Oumuamua) की जियोमेट्री अन्य एस्टेरॉयड्स या उल्कापिंडों से अलग है. इसमें अजीब तरह की रोशनी है. यह हमारे सौर मंडल में दिखने वाले एस्टेरॉयड्स या उल्कापिंडों से दस गुना ज्यादा रोशनी परावर्तित करता है.