आइडीपीएल वासियों के आंदोलन में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि आइडीपीएल की भूमि देश के एक बड़े व्यक्ति के पास जानी है। जिसके दबाव के आगे शासन प्रशासन कुछ नहीं कर पा रहा है। देश और प्रदेश के आम आदमी की लड़ाई में कांग्रेस शामिल है। यहां पर कांग्रेसी बुलडोजर रोकने के साथ लाठी खाने को भी तैयार है।
कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि आइडीपीएल की लड़ाई सामान्य नहीं एक बड़ी लड़ाई है। हमने डीएम से लेकर सीएम तक सभी से इस मुद्दे पर बात की है, कोई नहीं सुन रहा है। आम आदमी की इस लड़ाई में क्षेत्र के सभी छोटे और बड़े जनप्रतिनिधियों को एक साथ खड़ा होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भरी बरसात में यहां के लोग उजड़ रहे हैं और विधायक खामोश है। इससे ज्यादा शर्मनाक स्थिति और कुछ नहीं हो सकती।
औषधि निर्माण संस्थान आइडीपीएल परिसर में स्थित आवासीय भवनों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई रविवार को शुरू कर दी गई। वन विभाग और पुलिस फोर्स की मौजूदगी में इस कार्रवाई का स्थानीय नागरिकों ने जमकर विरोध किया। जब अधिकारी नहीं माने तो नागरिकों ने हरिद्वार मुख्य मार्ग सिटी गेट के सामने जाम लगा दिया।
करीब दो घंटा जाम लगा रहा। इस रोड के ट्रैफिक को डायवर्ट करना पड़ा। नागरिकों ने प्रशासन की इस कार्रवाई सहित कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ प्रदर्शन किया। यहां स्थित 850 आवासीय भवनों में प्रथम चरण में 40 भवनों को तोड़ने का लक्ष्य रखा गया। जिसमें रविवार को 25 भवन जेसीबी व अन्य मशीनों से ध्वस्त कर दिए गए।