आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने सोमवार को हर की पैड़ी पर गंगा स्नान किया। इससे पहले रविवार को दिव्य प्रेम सेवा मिशन में रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित शिव अवतरण व्याख्यान माला के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि कुछ पाने की इच्छा से की गई सेवा, सेवा नही होती।
उन्होंने कहा कि समाज मे सेवा का मूल्य नहीं मिलता, बाजार में उसका मूल्य लग सकता है। सेवा करने के लिए किसी प्रपंच की आवश्यकता नहीं, यह तो भाव से होती है।
उन्होंने कहा कि सेवा कार्य झंझटों की जटाओं में पड़ने वाला काम है। जो इन झंझटों में पड़कर इनसे निकलता है। वही सच्चा सेवक होता है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि ऐसा नहीं की हम जो करेंगे उसी में हमें सफलता मिलेगी।
उन्होंने कहा कि सफलता अपने समय से आती है। उन्होंने कहा कि निरंतर प्रयास और कार्य से ही यह संभव होता है।
हमारे किए गए प्रयासों का फल हमारी आने वाली पीढ़ियों को मिलता है। कार्यक्रम में दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संरक्षक संत विजय कौशल, दिव्य प्रेम सेवा मिशन के प्रमुख आशीष, दिव्य प्रेम सेवा मिशन राष्ट्रीय संयोजक संजय चतुर्वेदी ने भी अपनी विचार रखे।