ताजा हलचल

खुश हुए कर्मचारी: राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने भी पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का किया एलान

0

पिछले महीने फरवरी में राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने अपना वित्त बजट पेश किया था. इस बजट में मुख्यमंत्री गहलोत ने राज्य में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का एलान भी किया. उसके बाद आज छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने भी राजस्थान के बाद पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की घोषणा कर दी है. बता दें कि बुधवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में साल 2022 23 का अपना चौथा बजट पेश किया. बजट से पहले ही कयास लगाए जा रहे थे कि भूपेश बघेल सरकार इस बार पुरानी पेंशन को बहाल करने की तैयारी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने राज्य के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा की. कर्मचारी भी लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे.

वहीं आमजन को राहत देते हुए किसी भी नए टैक्स को नहीं लाया गया है. वहीं टैक्स वृद्धि पर सुझाव देने के लिए वित्त विभाग में नया सेल बनाने की घोषणा जरूर की. फिलहाल विधानसभा गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. बजट को लेकर संभावना जताई जा रही थी कि पिछले तीन सालों की तुलना में इस बार आकार और बड़ा होगा. संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने इसके संकेत दिए थे. इस बजट में किसान, मजदूर और युवाओं के लिए सरकार ऐलान किए हैं. बजट में पुरानी पेंशन योजना शुरू करना सरकार का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है. पुरानी पेंशन योजना लागू होने से अगले एक दशक तक सरकार पर वित्तीय बोझ नहीं आने वाला. उल्टे 1680 करोड़ रुपए सालाना की बचत होगी.

यह वह राशि है जो सरकार अंशदायी पेंशन यानी नई पेंशन योजना में अपने पास से देती है. नई पेंशन योजना 2004 से लागू हुई है. उसके बाद भर्ती हुए सरकारी कर्मचारियों की संख्या तीन लाख 30-40 हजार बताई जा रही है. ये कर्मचारी 2030-32 के बाद ही रिटायर होंगे. तब सरकार पर उनके देयकों का बोझ पड़ेगा. प्रदेश भर के कर्मचारी संगठन जोर-शोर से पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी पुरानी पेंशन की बहाली बड़ा मुद्दा था.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version