कुआं खोदना भले ही बड़े परिश्रम का काम माना जाता हो लेकिन छोटा उदेपुर के कुछ बच्चों ने स्कूल की छुटि्टयों में कुआं खोद डाला। जिले की नसवाड़ी तालुका गांव के डब्बा गांव में कुछ बच्चों को कुआं खाेदते देखकर फिर बड़े भी साथ आ गए। अब यह कुआं गांव के लोगों के लिए पानी का स्रोत बन गया है।
नसवाड़ी तालुका में गर्मियों के दिनों में पानी का संकट रहता है। बच्चाें की मुहिम के बाद गांव को मिले इस जलस्रोत से हर कोई खुश है। गांव की महिलाएं पहले दूर पानी लेने जाती थीं तो लौटकर आने में उन्हें दोपहर हो जाती थी। ऐसे में जब गर्मियों में फिर से पानी की दिक्कत खड़ी तो बच्चाें ने कुएं को खोद कर इस नए अंजाम तक पहुंचा दिया।
बच्चों की मेहनत की खूब तारीफ हो रही है। शुरू में बच्चों ने इस खेल-खेल में शुरू किया था लेकिन जब बच्चे अपनी जिद पर अड़े तो फिर गांव के बड़े लोगों ने इसमें सहयोग किया। ऐसे गांव में कुंए का तोहफा मिल गया। आदिवासी बहुल छोटा उदेपुर जिले में पूरी आबादी आदिवासी लोगों की है।
नवसवाड़ी तालुका के डब्बा गांव में रहने वाले मीना बेन भील कहती हैं कि हमें पानी नहीं मिलता है। तमाम दूसरी जरूरतों से पहले पानी हमारी प्राथमिकता है। बच्चों ने पानी के लिए गांव में कुआं बनाया है।